हाइलाइट्स
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बीजेपी ने 2019 में किया था शानदार प्रदर्शन
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विजय बघेल ने प्रतिमा चंद्राकर को दी थी मात
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इस सीट पर 17 आम चुनाव और 1 उपचुनाव हुआ
Durg Lok Sabha seat: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए 7 मई को मतदान होना है. तीसरे चरण में दुर्ग लोकसभा सीट के लिए भी वोटिंग होगी. इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी विजय बघेल और कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र साहू के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में इस बार स्थानीय मुद्दों को प्राधमिकता दिया जा रहा है.
यहां पिछले चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की थी. यहां बीजेपी प्रत्याशी विजय बघेल ने कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिमा चंद्राकर को हराया था. दुर्ग लोकसभा सीट का गठन आजादी के बाद हुआ था. यहां 1952 से 17 बार आम चुनाव और 1 बार उपचुनाव हुआ है. जिसमें 10 बार कांग्रेस और 6 बार भाजपा ने जीत दर्ज की है. तो वहीं जनता पार्टी और जनता दल की भी एक-एक बार जीत हुई है.
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में 9 विधानसभा सीट
इस लोकसभा क्षेत्र में 2 जिलों दुर्ग और बेमेतरा की 9 सीटें हैं. जिसमें दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, पाटन, भिलाई नगर, अहिवारा, वैशाली नगर, बेमेतरा, साजा और नवागढ़ सीट शामिल है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इन 9 सीटों में से 7 सीटों पर कब्जा किया था. वहीं कांग्रेस के खाते में 2 सीटें आई थीं. जिसमें भिलाई नगर में देवेंद्र यादव और पाटन में भूपेश बघेल ने जीत दर्ज की.
दुर्ग लोकसभा सीट का जातीय समीकरण
दुर्ग लोकसभा सीट में जातियां अहम रोल निभाती हैं. इस सीट पर साहू-कुर्मी जाति का दबदबा है. साहू समुदाय आबादी में सबसे बड़ी हिस्सेदारी करीब 30-35 फीसदी रखता है. वहीं कुर्मी वोटर्स की हिस्सेदारी लगभग 22 फीसदी है.
इसके अलावा सतनामी और यादव समुदाय भी करीब 15 फीसदी हैं, जो खेल बिगाड़ देते हैं. पिछले चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने कुर्मी प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें भाजपा के विजय बघेल जीते थे. तो कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभा चंद्राकर दिग्गज नेता चंदूलाल चंद्राकर परिवार से थीं. उनके पिता वासुदेव चंद्राकर विधायक रह चुके हैं.
दुर्ग लोकसभा लोकसभा सीट का इतिहास
दुर्ग लोकसभा सीट की स्थापना 1952 में हुई थी. दुर्ग में शुरुआती सालों में कांग्रेस का दबदबा रहा. इस सीट से 1952 में कांग्रेस के वासुदेव एस किरोलिकर पहले सांसद बने थे. 1968 में पहली बार उपचुनाव हुआ था. जहां चंदूलाल चंद्राकर जीते थे. चंदूलाल चंद्राकर दुर्ग के राजनीतिक इतिहास के दिग्गज नेता हैं.
1971 में चंदूलाल चंद्राकर ने दोबारा इस सीट पर कब्जा किया था. हालांकि, 1977 में आपातकाल के बाद हुए चुनाव में चंदूलाल चंद्राकर को जनता पार्टी के मोहन जैन ने हराया था. हालांकि, चंदूलाल चंद्राकर ने इसके बाद 1980 और 1984 में फिर जीत हासिल की थी. कांग्रेस की दूसरी हार जनता दल की पहली जीत 1989 में हुई. इस चुनाव में पुरूषोत्तम कौशिक जीते थे.
2009 में इस सीट से पहली महिला सांसद सरोज पांडे जीतीं
इसके बाद 1990 के दशक में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर रही. 1991 में कांग्रेस से चंदूलाल चंद्राकर ने यह सीट हासिल की, हालांकि इसके बाद बीजेपी लगातार कई चुनाव जीती. ताराचंद साहू ने 1996 में बीजेपी को पहली जीत दिलाई थी.
इसके बाद ताराचंद 1996 से 2004 तक लगातार जीतते रहे. फिर 2009 में बीजेपी की सरोज पांडे जीतीं. सरोज इस सीट से पहली महिला सांसद थीं. हालांकि, 2014 में मोदी लहर में भी कांग्रस से ताम्रध्वज साहू जीते. इसके बाद पिछले चुनाव 2019 में फिर यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई. चुनाव में बीजेपी के विजय बघेल विजयी रहे.
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