सिवनी। पेंच व्यपवर्तन परियोजना से किसानों को नहर के माध्यम से पानी नहीं मिल पा रहा है। किसानों ने बोवनी करने के बाद से ही नहरों से पानी की आस लगाए बैठे थे। कई क्षेत्रों में नहरों का काम पूरा नहीं किया गया। इन हालातों में किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पूर्व में बंडोल क्षेत्र में किसानों ने बैठक लेकर भी इस मुद्दे पर नाराजगी जाहिर की थी।
किसानों का कहना है कि नहरों की मांग लंबे समय से की जा रही है। किसान पानी की मांग कर रह हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो पा रही। वहीं किसानों की तरफ से सिंचाई के लिए लिफ्ट एरिगेशन सिस्टम की मांग की जा रही है।
नहीं सुधारी गई नहरें
कारीरात, सिमरिया, मरझोर क्षेत्र में नहर जर्जर हो चुकी है लेकिन अब तक इकसा सुधार भी नहीं हो पाया है। तीन साल पहले नहर का काम शुरु किया गया था लेकिन पहली बार पानी छोड़ने पर नहर क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि बाद में सुधार नहीं होने की स्थिति में कंपनी को विभाग ने टर्मिनेट कर दिया था।
से चल रहा काम
पेंच परियोजना के तहत सिवनी क्षेत्र में नहरों का काम धीमा चल रहा है। बंडोल, नरेला, नगझर और अन्य गांवों में नहर पूरी नहीं बन पाई है। कई इलाकों में तो अब खुदाई चल रही है। वहीं इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि जिले के अधिकांश हिस्सों में नहर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है।
लेकिन एक तरफ किसानों का कहना है कि उन्होंने अपने स्तर से बोवनी भी कर दी थी ताकि उन्हें समय पर नहर से पानी की पूर्ति हो सके लेकिन हमें अब तक पानी नहीं मिल पा रहा है।
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