PresVu Eye Drops for presbyopia treatment: जो लोग रीडिंग ग्लास का इस्तेमाल करते हैं उनके लिए खुशखबरी है. इंडियन आई ड्रॉप को ‘ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया‘ से मंजूरी मिल गई है. प्रेस रीलिज में कहा गया कि आई ड्रॉप से न केवल मरीजों को पढ़ने के चश्मे से छुटकारा मिलेगा. बल्कि ड्राई आंखों वाले को भी काफी ज्यादा फायदा मिलेगा.
प्रेसबायोपिया के लिए अपनी तरह का पहला उपचार
प्रेसवू भारत में पहली आई ड्रॉप है जिसे विशेष रूप से प्रेसबायोपिया के इलाज के लिए डिजाइन किया गया है. प्रेसबायोपिया एक आम उम्र से संबंधित देखने की समस्या है जो आमतौर पर 40 से अधिक उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित करती है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) की सिफारिश के बाद यह मंजूरी दी गई.
एक बूंद का असर 6 घंटे तक रहेगा
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दवा की एक बूंद सिर्फ डालने के बाद इसका असर छह घंटे तक रहता है. कंपनी ने बताया है कि यदि दवा की दूसरी बूंद तीन से छह घंटे के भीतर डाली जाए तो इसका असर ज्यादा लंबे समय तक रहेगा.
कंपनी का दावा है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह से, प्रिस्क्रिप्शन-आधारित ड्रॉप्स 350 रुपये की कीमत पर फार्मेसियों में उपलब्ध होंगे. यह दवा 40 से 55 साल की आयु के लोगों के लिए हल्के से मध्यम प्रेसबायोपिया के उपचार के लिए होगी.
अच्छी बात ये है कि इस दवा का परीक्षण बड़े पैमाने पर भारतीय आबादी पर किया गया है जिसके अच्छे नतीजे मिले हैं. DROP निर्माताओं ने इस अनूठे फॉर्मूलेशन और इसकी निर्माण प्रक्रिया के लिए पेटेंट के लिए भी आवेदन किया है.
दावा है कि इनका फॉर्मूला न केवल पढ़ने के चश्मे की आवश्यकता को खत्म करता है बल्कि आंखों के लूब्रिकेशन का काम भी करता है.
यह है आई ड्रॉप की सबसे खास बात
PresVu आई ड्रॉप की सबसे खास बात यह है कि इसमें एडवांस्ड डायनामिक बफर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इससे यह आई ड्रॉप आंखों के पीएच लेवल के हिसाब से खुद को ढाल लेती है। लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर भी यह सुरक्षित रहती है।
एंटोड फार्मास्यूटिकल्स के सीईओ निखिल के मसुरकर का कहना है कि PresVu केवल एक प्रोडक्ट नहीं है, यह एक समाधान है जो लाखों लोगों को बेहतर दृष्टि प्रदान करके उनके जीवन को बेहतर बना सकती है।
कब और कितने में मिलेगी?
एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स आई, ईएनटी और त्वचाविज्ञान दवाओं में विशेषज्ञता रखती है और 60 से अधिक देशों को निर्यात करती है। अक्टूबर के पहले सप्ताह से, यह प्रिस्क्रिप्शन-आधारित ड्रॉप्स 350 रुपये की कीमत पर फार्मेसियों में उपलब्ध होंगे।
यह दवा 40 से 55 साल की उम्र के लोगों के लिए हल्के से मध्यम प्रेसबायोपिया के उपचार के लिए उपयुक्त है। मसुरकर का दावा है कि यह दवा भारत में अपनी तरह की पहली दवा है, जिसका परीक्षण भारतीय आंखों पर किया गया है और भारतीय आबादी के आनुवंशिक आधार के अनुसार इसे अनुकूलित किया गया है।
ये खबर भी पढ़ें: Career Tips: डिजिटल मार्केटिंग, फैशन डिजाइनिंग समेत ये नए करियर ऑप्शन पसंद कर रहे हैं आज के युवा, देखें पूरी लिस्ट