Indore News: इंदौर में स्कूल शिक्षा विभाग की बड़ी अधिकारी घूस लेते पकड़ाई है। बताते हैं स्कूल शिक्षा विभाग की डीपीसी (District Project Coordinator) शीला मेरावी शुक्रवार को इंदौर स्थित कार्यालय में ही एक लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ी गई हैं। लोकायुक्त विशेष पुलिस ने शीला मेरावी को राजेंद्र नगर ब्रिज के नीचे स्थित डीपीसी कार्यालय में ही रंगे हाथ दबोचा है। कार्रवाई अभी जारी है।
स्कूल की जांच खत्म करने मांगे थे 10 लाख रुपए
इंदौर की जिला परियोजना समन्वयक शीला मेरावी ने एक स्कूल संचालक के खिलाफ चल रही जांच समाप्त करने के बदले में 10 लाख रुपए मांगे थे। बाद में जिसकी डील चार लाख में तय हुई। शुक्रवार को जैसे ही पहली किस्त के एक लाख के रुपए मरावी ने लिए, इसी दौरान लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर (Indore News) लिया।
विभागीय परीक्षा के टॉपर को छोड़ मेरावी को मिला था चार्ज
विभागीय परीक्षा के परिणाम के आधार पर 7 फरवरी 2024 को तत्कालीन संचालक धनराजू एस ने डीपीसी पद की पोस्टिंग के लिए पांच लोगों की सूची जारी की। इसमें पहले नंबर पर महेश कुमार जाटव, दूसरे पर दफेदार सिंह सिकरवार, तीसरे पर ओमप्रकाश शर्मा, चौथे पर जितेंद्र कुमार भनारिया व पांचवे नंबर पर शीला मेरावी थी। सिकरवार को शिवपुरी, शर्मा की भोपाल, भनारिया की बैतूल पोस्टिंग की गई। जबकि महेश कुमार जाटव को सूची में पहले नंबर पर आने के बाद भी छोड़ दिया गया और पांचवे नंबर पर रही मरावी को इंदौर में डीपीसी पद पर पोस्टिंग की (Indore News) गई।
शिकायतकर्ता दो स्कूल का संचालक
लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने बताया कि दिलीप बुधानी निवासी ट्रेजर टॉउन बिजलपुर ने इस केस में शिकायत थी। इसमें बताया कि वे एमपी पब्लिक स्कूल अशोक नगर और एमपी किड्स स्कूल अंजली नगर के संचालक हैं। दोनों स्कूल शासन से मान्यता प्राप्त हैं। इसमें वर्ष 2019-20 से 23-24 तक मान्यता के साथ स्टूडेंट्स को 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा दिलाई गई (Indore News) थी।
स्कूल की जांच नहीं कराने के नाम पर मांगे रुपए
आरोप है कि RTI एक्टिविस्ट संजय मिश्रा ने जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केंद्र इंदौर से सूचना के अधिकार तहत दोनों स्कूलों के छात्र/छात्राओं की 5वीं और 8वीं की परीक्षा में शामिल होने के संबंध में जानकारी मांगी थी। शिकायत में बताया गया कि संजय मिश्रा स्कूल संचालक दिलीप बुधानी को ब्लैकमेल कर रहा था कि दोनों स्कूलों की मान्यता खत्म करा (Indore News) देगा।
10 लाख रुपए की मांग की गई, 4 लाख बात तय हुई
इस पर जिला परियोजना समन्वयक शीला मेरावी जांच नहीं कराने और आगे भी आरटीआई एक्टिविस्ट संजय मिश्रा द्वारा कोई शिकायत नहीं करने की बात लिखवाकर देने के एवज में 10 लाख रुपए मांग रही थी। इसके बाद बुधानी ने लोकायुक्त से संपर्क कर योजना बनाई और 4 लाख रुपए में बात तय कर ली। प्लान के अनुसार इसकी पहली किस्त एक लाख रुपए शुक्रवार को दी गई थी। इसी दौरान लोकायुक्त टीम ने शीला मेरावी को गिरफ्तार कर (Indore News) लिया।
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शीला मेरावी ने ऑफिस की पार्किंग में ली रिश्वत
शुक्रवार शाम को दिलीप बुधानी रिश्वत की 1 लाख रुपए की पहली किस्त लेकर शीला मेरावी के राजेंद्र नगर ब्रिज के पास स्थित कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने मेरावी को ऑफिस के पार्किंग एरिया में एक लाख रुपए दिए। जिसे मेरावी ने तत्काल अपने वाहन में रख लिए। इसी दौरान वहां पहले से मौजूद लोकायुक्त टीम ने उन्हें पकड़ लिया। शीला मेरावी के खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 के तहत केस दर्ज किया गया (Indore News) है।
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