Donald Trump Tariff: डोनाल्ट ट्रंप का रेसिप्रोकल टैरिफ आज से लागू होने वाला है और इसका भारत के तमाम सेक्टर्स पर असर देखने को मिल सकता है, लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो सबसे तगड़ा नुकसान कपड़ा उद्योग को उठाना पड़ सकता है। चलिए जानते हैं आखिर रेसिप्रोकल टैरिफ होता क्या है, इसका भारत पर क्या असर हो सकता है।
क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ
आपको बता दें हर देश एक-दूसरे से पेट्रोल-डीजल, गैस समेत अन्य वस्तुओं को इंपोर्ट एक्सपोर्ट करता है। ये व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय व्पायार है। आपको बता दें इंटरनेशनल ट्रेड में टैरिफ एक तरह का बॉडर शुल्क या टैक्स होता है, जो विदेशों से आने वाले सामान पर लगाया जाता है।
भारत को टैरिफ से कोई नुकसान नहीं
सूत्रों के मुताबिक ट्रंप का जवाबी टैरिफ अगर सेक्टर के हिसाब से होगा तो भारत की रणनीति अलग होगी और तब शायद भारत को इससे कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि जिन वस्तुओं का भारत निर्यात करता है, उन वस्तुओं का निर्यात अमेरिका नहीं करता है।
जवाबी टैरिफ का दूसरा तरीका देश के कुल व्यापार के आधार पर हो सकता है।
यहां पर भारत को अलग नीति अपनानी पड़ सकती है, क्योंकि भारत अमेरिका के मुकाबले लगभग 36 अरब डॉलर का अधिक निर्यात करता है और इसकी भरपाई ट्रंप सरकार करना चाहेगी।
लोकसभा में एक जवाब में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को पारस्परिक रूप से फायदेमंद और निष्पक्ष बनाने के लिए चर्चा जारी रखे हुए है।
उद्योगों को मौजूदा आपूर्ति श्रृंखलाओं पर टैरिफ के असर से पड़ने वाले नए अवसरों की पहचान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जवाबी टैरिफ से फिलहाल व्यापार पर कोई असर नहीं
सूत्रों के मुताबिक पारस्परिक शुल्क किसी भी रूप में लगने पर फिलहाल भारत के निर्यात पर इसका असर नहीं होगा, क्योंकि अचानक दो देशों के बीच सप्लाई चेन ठप नहीं होती है।
दूसरी बात है कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर वार्ता को आगे बढ़ाने पर काम शुरू हो गया है। इसके पहले चरण को इस साल तक पूरा कर लिया जाना है।
ऐसे में भारत के पास अमेरिका के हिसाब से अपने शुल्क को कम या बढ़ाने का समय मिल जाएगा।अमेरिका से भारत पर लगने वाला टैरिफ क्या है
आपको बता दें सरकार द्वारा देश में इनकम टैक्स, जीएसटी और सरचार्ज समेत कई तरह के टैक्स वसूले जाते हैं। इसके बाद अब जब रेसिप्रोकल टैरिफ या टैक्स को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। हालांकि ये टैक्स भारत नहीं बल्कि अमेरिका अब दुनिया के कुछ देशों पर थोपने जा रहा है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, भारत, कनाडा और मैक्सिको पर रेसिप्रोकल टैक्स लगाने का ऐलान किया है। ट्रंप ने दलील की है कि ये अब देश अमेरिका पर बहुत टैरिफ लगाते हैं इसिलए हम भी इन देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे।
जानकारों की मानें तो ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ से वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है। इतना ही नहीं इसमें दुनियाभर में महंगाई भी बढ़ सकती है। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि आखिर यह रेसिप्रोकल टैक्स होता क्या है।
किसे होगा टैरिफ से नुकसान
आज 2 अप्रैल है रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) लागू होने होगा। इस टैरिफ से दुनियाभर के बाजार पर असर हो सकता है लेकिन ऐसा माना जा रहा है भारत में भी इसका असर देखने को मिल सकता है।
पर भारत भले ही Trump Tariff से सबसे प्रभावित होने वाले देशों में एक है, लेकिन ऑटो, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रमुख सेक्टर आशंका से कहीं बेहतर स्थिति में नजर आ रहे हैं। यानी इन पर असर कम देखने को मिलेगा। तो वहीं इस टैरिफ का सबसे निगेटिव असर परिधान (Apparel Sector) और Jewellery Sector पर हो सकता है।
क्या होगा टैरिफ का भारत पर असर
सूत्रों की मानें तो ट्रंप का जवाबी टैरिफ अगर सेक्टर के हिसाब से होगा तो भारत की रणनीति अलग होगी। ऐसे में माना जा रहा है कि हो सकता है कि भारत को इससे कोई नुकसान नहीं होगा। ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि जिन वस्तुओं का भारत निर्यात करता है, उन वस्तुओं का निर्यात अमेरिका नहीं करता है।
तो वहीं जवाबी टैरिफ का दूसरा तरीका देश के कुल व्यापार के आधार पर भी हो सकता है।
यहां पर भारत को अलग पॉलिसी अपनानी पड़ सकती है। जानकारों की मानें तो भारत अमेरिका के मुकाबले लगभग 36 अरब डॉलर का अधिक निर्यात करता है और इसकी भरपाई ट्रंप सरकार करना चाहेगी।
लोकसभा में एक जवाब में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को पारस्परिक रूप से फायदेमंद और निष्पक्ष बनाने के लिए चर्चा जारी रखे हुए है।
उद्योगों को मौजूदा आपूर्ति श्रृंखलाओं पर टैरिफ के असर से पड़ने वाले नए अवसरों की पहचान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।