हाइलाइट्स
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भारतीय शतरंज खिलाड़ी ने महिलाओं के मुद्दे पर बात की
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मैंने कुछ खेल खेलें जो मुझे लगा कि काफी अच्छे थे
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महिलाओं को अक्सर दर्शक कैसे हल्के में लेते हैं
Divya Deshmukh: टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट 2024 के समापन के बाद भारतीय शतरंज स्टार दिव्या देशमुख ने कई राज खोले हैं।
उन्होंने (Divya Deshmukh) सोशल मीडिया के माध्यम से अपने बुरे अनुभवों को भी साझा किया है। दिव्या ने पोस्ट में खेल के खेल में हो रहे बड़े पैमाने पर लैंगिक भेदभाव का आरोप लगाया है।
इस प्रतियोगिता में (Divya Deshmukh) अंतरराष्ट्रीय मास्टर, हंस नीमन और हरिका द्रोणावल्ली जैसे खिलाड़ी शामिल थे।
यहां टूर्नामेंट खत्म होने के बाद (Divya Deshmukh) प्रशंसकों के द्वारा किए गए व्यवहार के बारे में भी उन्होंने बात की है। इसके अलावा महिलाओं के साथ किए जाने वाले व्यवहार पर दुख और निराशा व्यक्त की है।
पोस्ट में यह लिखा
(Divya Deshmukh) दिव्या ने अपनी एक पोस्ट में लिखा है कि मैं 18 वर्षीय खिलाड़ी हूं। मैं इस मुद्दे को लेकर बात करना चाहती थी, लेकिन अपने टूर्नामेंट खत्म करना चाहती थी।
(Divya Deshmukh) मैंने कुछ खेल खेले जो मुझे लगा कि काफी अच्छे थे। उन्होंने बताया कि मैंने खुद भी देखा कि शतरंज में महिलाओं के अक्सर दर्शक कैसे हल्के में लेते हैं।
(Divya Deshmukh) मेरी अपील है कि महिलाओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए। मैंने खुद भी देखा कि शतरंज में महिलाओं को अक्सर दर्शक कैसे हल्के में लेते हैं।
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मैं काफी परेशान हूं…
(Divya Deshmukh) दिव्या लिखती हैं कि दर्शकों को खेल से कोई परेशानी नहीं थी, उन्होंने दुनिया की हर संभव चीज पर ध्यान केंद्रित किया।
उन्होंने कहा कि जब महिलाएं शतरंज खेलती हैं तो लोग इस बात को नजन अंदाज कर देते हैं कि वे वास्तव में कितनी अच्छी हैं, उसकी क्या ताकत है।
दर्शकों ने मेरे कपड़े, बाल, उच्चारण और हर अन्य चीज जो अप्रासंगिक है, इस पर ध्यान दिया गया। इसको लेकर में काफी परेशान हूं।
रोजाना करता पड़ता है सामना
(Divya Deshmukh) उन्होंने लिखा है कि महिलाओं की हर अप्रासंगिक चीज पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, उनकी सराहना कम ही की जाती है।
(Divya Deshmukh) महिलाओं को रोजाना इसका सामना करना पड़ता है। मैं बमुश्किल 18 साल की हूं। (Divya Deshmukh) महिलाओं को समान सम्मान मिलना चाहिए।
पिछले कुछ वर्षों में मुझे नफरत समेत कई सारे निर्णयों का सामना करना पड़ा है।