MP News: जिला उपभोक्ता फोरम (MP News) ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) पर एक मामले को लेकर फटकार लगाते हुए 15 हजार 118 रुपए चुकाने को कहा है। बैंक ने खाताधारक के द्वारा किस्त जमा करने के बावजूद उनके खाते से 118 रुपए काट लिए थे, जिसको लेकर उपभोक्ता फोरम (District Consumer Court) ने यह फैसला सुनाया है।
शिकायतकर्ता मनोज कुमार शर्मा ने स्टेट बैंक (SBI) से कार खरीदने के लिए तीन लाख रुपए का लोन लिया था। जिसके लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की ओर से हर महीने छह हजार 419 रुपए प्रतिमाह किस्त तय की गई थी।
शिकायतकर्ता ने हर माह समय पर अपनी हर किस्त बैंक में जमा की थी। इसके बाद 24 अप्रैल 2019 को परिवादी ने 64 हजार 852 रुपए का बचा हुआ लोन एक साथ बैंक में जमा कर दिया था और तुरंत अपना लोग बंद करवा दिया था।
बैंक ने जारी की थी एनओसी
बैंक को पूरी राशि जमा करवाने के बाद बैंक की ओर से शिकायतकर्ता को एनआसी भी जारी की गई थी, लेकिन 20 मई 2019 को परिवारी के खाते में किस्त से कम पैसा होना बताते हुए बैंक ने 118 रुपए काट लिए थे। इसकी शिकायत उन्होंने बैंक में भी, लेकिन बैंक की तरफ से परिवादी को यह पैसा लौटाया नहीं गया।
इसके बाद बैंक से परेशान होकर परिवादी ने 19 अगस्त 2019 को उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज करवाया। इस मामले में स्टेट बैंक (SBI) की तरफ से कहा गया था कि परिवादी का उनके बैंक में सिर्फ लोन अकाउंट खुला हुआ था। इसलिए ईएमआई का राशि बैंक में नहीं होने पर 118 रुपए काटे जाने के लिए स्टेट बैंक जिम्मेदार नहीं है।
बैंक दो देना होगा 15 हजार 118 रुपए
इस मामले पर फोरम की बेंच-2 अध्यक्ष गिरिबाला सिंह, सदस्य अंजुम फिरोज और अरुण प्रताप सिंह ने दोनों पक्ष की ओर से दलीले सुनने के बाद आदेश जारी किया। फोरम ने कहा कि फरियादी द्वारा लोन अकाउंट बंद करवाने के बाद भी स्टेट बैंक (SBI) द्वारा उनके खाते से 118 रुपए काटे गए हैं।
इस मामले में बैंक की तरफ से परिवादी की सेवा में कमी पाई गई है। इसके लिए बैंक (SBI) को काटे गए 118 रुपए परिवादी को वापस लौटाने होंगे। साथ ही परिवादी को बैंक की तरफ से दिए गए मानसिक कष्ट और अन्य खर्चों के लिए 15 हजार रुपए का हर्जाना भी देने का आदेश दिया है।
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