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हाइलाइट
जज बनाम जज के मामले में SC का आदेश
बंगाल सरकार को नोटिस
हाईकोर्ट में सुनवाई पर रोक
फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में टकराव
Dispute between two judges: सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने सबको हैरानी में डाल दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक कलकत्ता हाई कोर्ट के एक जज ने दूसरे साथी जज के खिलाफ कुछ राजनीतिक दलों के लिए स्पष्ट रूप से काम करने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने दो जजों के बीच हुए इस विवाद को गंभीरता से लेते हुए मामले का स्वत संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिए आज के लिए लिस्टेड किया था। इस दिन अदालत इस मामले पर सुनवाई कर निर्देश जारी करेगा।
क्या है पूरा मामला
कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने आरोप लगाए हैं कि उनके सहयोगी जज सोमेन सेन एक राजनीतिक पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एकल जज पीठ ने मेडिकल एडमिशन में कथित अनियमितता के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिए थे।
जिस पर जस्टिस सोमेन सेन की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने रोक लगा दी थी। इस पर जस्टिस अभिजीत ने डिवीजन बेंच के सीबीआई जांच के आदेश पर रोक के आदेश के बावजूद फिर से सीबीआई जांच के आदेश दिए, साथ ही सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले को देखने की अपील की थी। जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई की।
24 जनवरी को दस्तावेज सीबीआई को सौंपने के लिए कहा
यह पूरा मामला हाईकोर्ट में एक याचिका से उठा। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश को आसान बनाने के लिए कई व्यक्तियों को बड़े पैमाने पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं।
जस्टिस गंगोपाध्याय की एकल न्यायाधीश पीठ ने 24 जनवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस से मामले से संबंधित दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को कहा। कुछ समय बाद मामले का उल्लेख न्यायमूर्ति सेन और उदय कुमार की डबल बेंच के समक्ष किया गया। जिसने एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की एकल न्यायाधीश पीठ ने फिर से मामले की सुनवाई की और पश्चिम बंगाल पुलिस से सीबीआई को कागज देने को कहा। गुरुवार को खंडपीठ एकल न्यायाधीश पीठ के फैसले से सहमत नहीं थी।
सिंगल बेंच ने 25 जनवरी को फिर से मामले की सुनवाई की और न्यायमूर्ति सेन के खिलाफ कुछ टिप्पणियां पारित कीं।
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