नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से दो दिवसीय आतंकवाद निरोधी सम्मेलन आयोजित की गई थी। आज यानी शुक्रवार को सम्मेलन का समापन हो गया। एनआईए और सभी राज्यों की आतंकवाद-रोधी दस्तों (एटीएस) इसमें भाग लिया। एनआईए और सभी राज्यों की एटीएस और सीटी इकाइयों के एकजुट और समन्वित प्रयास को तेज करने के संकल्प के साथ यह सम्मेलन संपन्न हुआ।
एनआईए ने कहा कि देश में आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने के लिए केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसी, सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियां, आतंकवाद के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने और आतंकी फंडिंग को रोकने पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
सम्मेलन में आयोजित पांच विषयगत सत्र आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पुलिस और कानून प्रवर्तन प्रतिक्रिया को समन्वित करने पर केंद्रित थे। आतंकी जांच में अच्छे आचरण, आतंकवाद के पूरे इकोसिस्टम को नष्ट करने, डिजिटल फोरेंसिक और टेरर फंडिंग पर पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं।
15 राज्यों के अधिकारियों ने लिया हिस्सा
उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश, दिल्ली पुलिस, पंजाब, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल सहित लगभग 15 राज्यों के अधिकारियों ने सम्मेलन में प्रजेंटेशन दी। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के पूरे इकोसिस्टम को ध्वस्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भविष्य में कोई आतंकी संगठन खड़ा ही ना हो पाए, इसके लिए कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के कारण आतंकी घटनाओं में भारी कमी उन्होंने एनआईए, एटीएस और एसटीएफ जैसी एजेंसियों को आतंकी घटनाओं की जांच के दायरे से बाहर निकलकर आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की सलाह दी है। अमित शाह ने बताया कि मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के कारण आतंकी घटनाओं में भारी कमी आई है।
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