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रीवा। पाकिस्तान की जेल में पांच साल से बंद रीवा के अनिल साकेत की रिहाई की चर्चा फिर शुरू हो गई है।परिजन के मुताबिक, उनके पास नईगढ़ी पुलिस का फोन आया था, जिसमें अनिल को रिहा किए जाने की जानकारी दी गई है। बताया जा रहा है कि रीवा से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित थाना नईगढ़ी के छदनहाई गांव का युवक अनिल साकेत 15 जनवरी 2015 को लापता हो गया था। पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और अनिल भटकते हुए पाकिस्तान पहुंच गया था। रीवा के नईगढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत छन्दहई गांव से वर्ष 2015 में गायब हुए युवक की विगत वर्ष 2019 में पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद होने की खबर आई थी जिसके बाद अब पाकिस्तान सरकार के द्वारा युवक को रिहा किए जाने की बात सामने आ रही है,
ये है मामला
जिले के नईगढ़ी तहसील के छदहाई गांव निवासी अनिल साकेत 3 जनवरी 2015 को अचानक घर से लापता हो गया था। परिजनों ने तब नईगढ़ी थाने में 10 जनवरी को गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। कई बार थाने गए, पुलिस से ढूंढऩे को कहा लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया। ऐसे करके पूरे साढ़े चार साल गुजर गए और परिजनों ने उसके लौटने की आस छोड़ दी थी।
जानकारी मांगी गई
जून वर्ष 2019 में भारत सरकार के विदेश विभाग के द्वारा नईगढ़ी थाने में एक पत्र भेजा गया जिसमें पिछले 3 साल से लाहौर जेल में बंद कैदी अनिल साकेत के बारे में जानकारी मांगी गई , तब इस बात की जानकारी लगी कि अनिल साकेत नाम का गुमशुदा युवक लाहौर के जेल में बंद है वहां तक वह कैसे पहुंचा यह किसी को पता नहीं था।
हो चुकी थी शादी
बताया जा रहा है कि अनिल साकेत की दिमागी हालत खराब थी जिससे आशंका जताई जा रही है कि भटकते-भटकते वह देश की सीमा पार कर पाकिस्तान में पहुंच गया था जहां पाकिस्तान की पुलिस के हांथ लग गया। अनिल साकेत की शादी हो चुकी थी।
शादी के बाद ही वह गुमशुदा हो गया, जिसके बाद पत्नी ने तीन साल तक उसका इंतजार किया। लेकिन जब वह नहीं लौटा तो उसको मृत समझकर पत्नी मायके चली गई। वही उसके परिजनों ने उसका दूसरा विवाह कर दिया। हालांकि अब पाकिस्तान की लाहौर जेल में पिछले 4 साल से कैद अनिल साकेत को पाकिस्तान सरकार के द्वारा रिहा करने की सूचना मिल रही है।