Digital Arrest Indore: इंदौर की महिला से डिजिटल अरेस्ट कर ₹46 लाख की ठगी करने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक आरोपी के बैंक खाते में 40 लाख रुपए जमा हुए थे। पुलिस ने बैंक खातों की जानकारी और तकनीकी सर्विलांस की मदद से आरोपियों तक पहुंच बनाई। दोनों से पूछताछ करके महिला को ब्लैकमेल करने वालों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है।
इंदौर क्राइम ब्रांच का बड़ा खुलासा, सायबर जालसाजों की रकम मदरसों के खातों में, बुजुर्ग महिला से ठगे थे 65 लाख #IndoreCrimeBranch #CyberFraudsters #Madrassas #Thugs #mpnews #bansalnewsmpcg #madhayapradesh pic.twitter.com/MKMrAwvkuf
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) December 7, 2024
मदरसे के प्रबंधक और साथी गिरफ्तार
यह गिरफ्तारी 11 सितंबर 2024 को हुई घटना के आधार पर की गई है। महिला द्वारा जिन बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, उनकी जानकारी जुटाने के बाद पुलिस ने कन्नौज (उत्तर प्रदेश) के ग्राम सतौरा से फलाह दारेन मदरसा समिति के प्रबंधक अली अहमद खान (69) और सह प्रबंधक असद अहमद खान (36) को गिरफ्तार किया।
मदरसे के खाते फ्रॉड के पैसे के लिए हुए यूज
आरोपी तीन से चार मदरसे चलाते हैं, लेकिन इन मदरसों के नाम पर खोले गए बैंक खाते का उपयोग फ्रॉड के पैसे जमा करने के लिए किया जा रहा था। वारदात से कुछ दिन पहले ही आरोपियों ने करंट अकाउंट खोला था, जिससे लगता है कि मदरसा चलाने के नाम पर यह खाता खोला गया था, लेकिन इसका उपयोग फ्रॉड के पैसे जमा करने के लिए किया जा रहा था। इस मामले में हर पहलू की जांच की जाएगी।
खाते में 1.5 करोड़ का लेन देन
पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ और बैंक खातों की जानकारी प्राप्त करने पर यह पता चल पाया कि यह खाता विशेष रूप से धोखाधड़ी के लिए खोला गया था। खाता खोलने के लिए एक राशि दी गई थी, और यह तय किया गया था कि खाते में जो भी पैसा आएगा, उसका कुछ प्रतिशत आरोपियों को दिया जाएगा। इस खाते में 1.5 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है, जिसकी जांच की जा रही है। आरोपियों के दस्तावेजों में अली अहमद खान का नाम भी पाया गया, और एटीएम भी उसके पास ही था।
पुलिस ने 9 बैंक खाते फ्रीज किए
पुलिस का कहना है कि आरोपियों के पास कुल 9 बैंक खाते हैं, जिन्हें फ्रीज किया जा रहा है। अब यह पता लगाया जाएगा कि इन खातों में हुए ट्रांजेक्शंस में किस प्रकार के धोखाधड़ी के मामले शामिल हैं और उन पैसों का इस्तेमाल कहां-कहां किया गया। इन सभी विवरणों की जांच की जा रही है। बदमाशों ने महिला को ट्राई (टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का अधिकारी बताकर धमकाया और कहा कि उनके फोन नंबर का गलत उपयोग किया गया है। इसके बाद, सीबीआई और क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर वे महिला को पांच दिन तक डराते रहे।
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