History of Iftar Party : भारत की राजनीति में इफ्तार पार्टी का आयोजन एक ट्रेंड़ बन चुका है। रमजान के महीनों में नेताओं का इफ्तार पार्टी के आयोजन शुरू होने लगते है। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और विधायक इफ्तार पार्टी आयोजित करते है और इफ्तार पार्टी में शामिल होते आए है।
टैटू बनवाने वालों को नहीं मिलती ये सरकारी नौकरियां
भारतीय राजनीति में इफ्तार पार्टी की परंपरा देश के ही नेताओं ने डाली है। भारत के कई राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री रमजान के महीनों में इफ्तार पार्टी देते आए है। कुल मिलकार भारत की राजनीति में इफ्तार पार्टी का इतिहास पुराना है।
इस अपमान का बदला लेने के लिए टाटा ने बनाई थी ताज होटल , जानिए
नेहरू ने की थी इफ्तार पार्टी की शुरूआत!
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। कांग्रेस ही नहीं बल्कि बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेई ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए दो बार इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। जवाहर लाल नेहरू ने 7 जंतर-मंतर रोड पर पहली बार इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, लेकिन लाल बहादुर शास्त्री ने पीएम रहते हुए इफ्तार पार्टी बंद कर दी थी। इसके बाद जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी तो उन्होंने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया।
खतरे में डॉलर, भारत ला रहा ब्रिक्स करेंसी, जानिए क्या है ब्रिक्स करेंसी
इस मुख्यमंत्री ने की थी पहली इफ्तार पार्टी
मुख्यमंत्री के तौर पर बात करे तो उत्तर प्रदेश में हेमवती नंदन बहुगुणा ने साल 1974 में मुख्यमंत्री रहते हुए इफ्तार पार्टी की शुरुआत की थी। जो मुख्यमंत्री आवा की परंपरा बन गई थी। हालांकि मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में एक बार भी इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया। उन्होंने इफ्तार पार्टी की जगह कन्या पूजन का आयोजन किया। यूपी में इससे पहले मुलायम सिंह यादव, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, मायावती और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री आवास में इफ्तार पार्टी का आयोजन कर चुके है।
टैटू बनवाने वालों को नहीं मिलती ये सरकारी नौकरियां
बीजेपी के ये नेता दे चुके इफ्तार पार्टी
बीजेपी नेताओं की बात करे तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जब प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने दो बार इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। इसके अलावा मुरली मनोहर जोशी भी इफ्तार पार्टी का आयोजन कर चुके है।
इस अपमान का बदला लेने के लिए टाटा ने बनाई थी ताज होटल , जानिए
राष्ट्रपति भवन में भी हो चुकी है इफ्तार पार्टियां
राष्ट्रपति भवन की बात करे तो यहां भी कई बार इफ्तार पार्टियां हो चुकी है। जब एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति बने तो उन्होंने इस पर रोक लगा दी थी, लेकिन जब प्रणब मुखर्जी और प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति बने तो फिर से इफ्तार पार्टी की परंपरा शुरू कर दी गई। बतादें कि साल 2017 में प्रणब मुखर्जी ने अपनी आखिरी इफ्तार पार्टी दी थी।
खतरे में डॉलर, भारत ला रहा ब्रिक्स करेंसी, जानिए क्या है ब्रिक्स करेंसी