Dicephalic Parapagus Disease : दो सिर और तीन पैर वाले बच्चे क्यों पैदा होते हैं?

What Is Dicephalic Parapagus Disease : कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश के रतलाम से ऐसा मामला सामने आया जिसको सभी को अचंभे में डाल दिया यहां एक महिला ने एक ऐसे बच्चे को जन्म दिया है जिसके दो सिर और तीन हाथ थे। बच्चे की इस स्थिति को देखने के बाद इस पर काफी चर्चा भी हुई कि आखिर कैसे इस बच्चे का जन्म इस तरह से हुआ।
इस तरह के जन्मे बच्चों को एक तरह की बॉडी डीफॉर्मिटी है। इससे हर किसी को यह जानने की जिज्ञासा हुई की आखिर वजात बच्चों के शरीर में विकृतियां आख़िर क्यों होती है और क्या इन विकृतियों का इलाज संभव है?
इस बीमारी के बारें में डॉक्टर्स ने बताया कि इस बीमारी को डाइसेफेलिक पैरापैगस कहते है। आज हम आपको बताने वाले है डाइसेफेलिक पैरापैगस डिजीज के बारे में किन वजहों से जुड़े हुए बच्चे पैदा होते है –
क्या है डाइसेफेलिक पैरापैगस डिजीज?
What Is Dicephalic Parapagus Disease ?
डाइसेफेलिक पैरापैगस डिजीज में नवजात शिशु का शरीर जुड़ा हुआ पैदा होता है। इस आम भाषा में दो सिर वाला बच्चा कहा जाता है। डॉक्टर्स कि माने तो ऐसे बच्चे जन्म के बाद ज्यादा देर तक ज़िंदा नहीं रह पाते ऐसा देखने को मिलता है जन्म के तुरंत बाद ही उनकी मौत हो जाती है। उनके जीवित रहने की सम्भावना काफी काम रहती है।
मेयो क्लिनिक के मुताबिक , इस तरह के जुड़वां बच्चे पेल्विस, पेट या छाती से एक साथ जुड़े होते हैं लेकिन इनके सिर अलग-अलग होते हैं।
इन मामलों में अक्सर जुड़वां बच्चों के दो, तीन या चार हाथ और दो या तीन पैर भी होते है। इतना ही नहीं नई बच्चों के दो, तीन या चार हाथ भी हो सकते है।इस बीमारी से ग्रसित बच्चों में शारीरिक अंग कई बार एक ही होते हैं और कई बार ऐसा भी देखने को मिला है की उनके अंग अलग-अलग भी हो सकते हैं। डॉक्टर्स ने इन जुड़े हुए अंगों को अलग करने का प्रयास किया लेकिन उनके शरीर से अंगों को अलग करने की संभावना काफी हम होती है।
यह होते है डाइसेफेलिक पैरापैगस डिजिस के लक्षण
डाइसेफेलिक पैरापैगस डिजिस न कोई संकेत होते हैं और ना ही लक्षण पता चलते है। इनमे जुड़वा की तरह ही गर्भाशय तेजी से बढ़ता है। डाइसेफेलिक पैरापैगस डिजिस में महिलाओं को प्रेग्नेंसी के शुरूआती दिनों में ज्यादा थकान, चक्कर आना और उल्टी जैसे शिकायत देखने को मिलता है।
इस तरह पैदा होते है जुड़े हुए बच्चे
कंज्वाइंड ट्विन्स को आमतौर पर इस आधार पर वर्गीकृत किया जाता है कि वे कहां से जुड़े हुए हैं। कई बार इस तरह से जुड़े हुए बच्चे शरीर के किसी हिस्से से जुड़े होते हैं तो वहीं कुछ बच्चे एक ही अंग को एक-दूसरे के साथ जुड़े रहते है।
0 Comments