Dhar Bhojshala: मध्य प्रदेश के धार स्थित ऐतिहासिक भोजशाला में जैन मंदिर होने का दावा किया गया था। यह दावा जैन समाज की ओर से किया गया। इसे लेकर इंदौर हाईकोर्ट में दायर याचिका शुक्रवार को खारिज हो गई। इसकी वजह याचिका के निर्धारित प्रारूप में नहीं होना बताया गया है।
इस मामले में अब याचिकाकर्ता ने निर्धारित प्रारूप में फिर से याचिका प्रस्तुम करने की बात कही है। यहां बता दें, याचिका के माध्यम से भोजशाला में जैन मंदिर होने का दावा किया गया, साथ ही जैन गुरुकुल होने की बात भी कही थी।
कोर्ट ने क्या कहा?
इंदौर हाई कोर्ट (Indore High Court) में शुक्रवार को न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की एकल पीठ के समक्ष मामले (Dhar Bhojshala) में सुनवाई हुई।
सुनवाई करीब दो मिनट चली। कोर्ट ने कहा कि याचिका निर्धारित प्रारूप में नहीं है। साथ ही याचिका प्रस्तुत करने में हुई देरी की वजह भी स्पष्ट नहीं है।
इसलिए याचिका पर आगे सुनवाई नहीं की जा सकती। वहीं दूसरी तरफ एएसआई ने अभी भोजशाला (Dhar Bhojshala) की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की है।
15 जुलाई तक का समय कोर्ट ने दिया है। इस मामले में इसी महीने की 22 जुलाई को अगली सुनवाई होना है।
सर्वे रिपोर्ट से ही तय होगा कि भोजशाला (Dhar Bhojshala) में मंदिर था या मस्जिद।
नई याचिका दायर हो सकती है
जानकारी के मुताबिक अब याचिकाकर्ता निर्धारित प्रारूप में नई याचिका दायर कर सकते हैं।
उन्हें ये भी बताना होगा कि याचिका प्रस्तुत करने में देरी क्यों हुई है।
बता दें जैन समाज की तरफ से लगाई गई याचिका में दावा किया गया था कि भोजशाला धार (Dhar Bhojshala) के एएसआई के सर्वे में जैन तीर्थंकर और देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं।
मूर्तियों को जैन समाज को सौंपा जाए। यह भी कहा गया कि भोजशाला स्थल पर जैन गुरुकुल और मंदिर था।
जैन समाज ने किया था यह दावा
जैन समाज ने करीब 15 दिन पहले याचिका दायर की थी। जिसमें जैन समाज का कहना है कि “सर्वे में निकली मूर्तियों में से हिन्दू पक्ष जैन देवी देवताओं की मूर्ति को सरस्वती देवी की मूर्ति बता रहे हैं, जो कि सही नहीं है।”
भोजशाला (Dhar Bhojshala) में उत्खनन के दौरान जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां , शिलालेख और जैन देवी देवताओं की मूर्तियां निकली हैं।
जिससे ये साबित होता है कि मंदिर था। इंदौर जैन संगठन के अध्यक्ष मयंक जैन और मीडिया प्रभारी राजेश जैन ने कहा कि भोजशाला मामले को लेकर चल रही सुनवाई में जैन समाज पक्ष के दो लोगों को शामिल किया जाए।
साथ ही जैन समाज से जुड़ी जो भी चीजें निकल रही हैं वो समाज को सौंपी जाएं।
ASI ने अब तक नहीं सौंपी सर्वे रिपोर्ट
सोमवार, 1 जुलाई को ASI (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया) की टीम सर्वे खत्म होने के चौथे दिन भोजशाला परिसर (Dhar Bhojshala) पहुंची थी।
इस विजिट में टीम ने डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया पूरी की।
जिसके बाद कल यानी मंगलवार 2 जुलाई को सर्वे टीम जांच की फाइनल रिपोर्ट हाईकोर्ट की इंदौर पीठ को सौंपनी थी, लेकिन नहीं सौंपी।
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इन्होंने दायर की थी याचिका
भोजशाला (Dhar Bhojshala) में जैन मंदिर के दावे को लेकर जैन समाज के विश्व जैन संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सलकचंद जैन ने वरिष्ठ अधिवक्ता पीके शुक्ला और आशुतोष शुक्ला ने जैन मूर्तियां और गुरुकुल के दावे को लेकर याचिका दायर की थी।