7 माह की गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने के लिए पति ने झारखंड से ग्वालियर 1150 KM चलाई स्कूटी

ग्वालियर: पति-पत्नी हमसफर से ज्यादा एक बहुत अच्छे दोस्त होते हैं और हर सुख-दुख के साथी। जहां एक दशरथ मांझी ने अपनी पत्नी की याद में पहाड़ काटकर रास्ता बना दिया था, वहीं दूसरी तरफ झारखंड के धनंजय मांझी ने गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने के लिए 1150 किमी स्कूटी चलाई और उसे मध्यप्रदेश के ग्वालियर पहुंच गया।
धनंजय मांझी की पत्नी गर्भवती हैं और अपनी पत्नी को परीक्षा दिलाने के लिए धनंजय बांग्लादेश बॉर्डर से सटे झारखंड के गोड्डा जिले से स्कूटी चलाकर तीन दिन में मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंच गए। धनंजय 8वीं पास हैं और उनकी तमन्ना है की पत्नी सोनी हेम्बरम टीचर बने। इसलिए सोनी हेम्बरम को डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) द्वितीय वर्ष की परीक्षा दिलाने के लिए ग्वालियर पहुंचे।
पहाड़ी-मैदानी रास्तों को पार करते हुए पहुंचे ग्वालियर
धनंजय ने बताया कि वह झारखंड के गोड्डा जिले के गांव गन्टा टोला के रहने वाले हैं और ग्वालियर पहुंचने के लिए उन्होंने 1150 किमी स्कूटी चलाई और झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न पहाड़ी-मैदानी रास्तों को पार करते हुए मप्र के ग्वालियर पहुंचे। उन्होंने बताया कि दोपहिया से लंबे रास्ते में तेज बारिश होने पर हम एक पेड़ के नीचे दो घंटे तक खड़े रहे और बिहार के भागलपुर से मिकलते समय बाढ़ का सामना करना पड़ा तो कई शहर और गांवों की बदहार सड़कों से गुजरे। गड्ढ़ों के कारण काफी परेशानी भी हुई। रास्ते में एक रात लखनऊ के टोल टैक्स बैरियर पर रुकना पड़ा वहीं एक रात मुजफ्फरपुर के लॉज में रुके।
सोनी बोली पति ने बहुत बढ़ाया हौसला
सोनी बोली के वह 7 महीने की गर्भवती हैं। इस कारण उनका 1150 किलोमीटर का सफर थोड़ा मुश्किलों से कटा। कई बार पैर सुन्न हो जाते थे, तो कभी कमर, पेट और पीठ दर्द होने लगता था। लेकिन पति की हिम्मत ने उसका काफी हौसला बढ़ाया जिससे की रास्ता पार होता गया। सोनी ने अपनी पति की बहुत तारीफ की और कहा की वे टीचर बनना चाहती हैं।
पत्नी को शिक्षक बनाना चाहते हैं धनंजय
धनंजय और सोनी की अरेंज मैरिज दिसंबर 2019 में हुई। इस पर धनंजय ने कहा कि दशरथ मांझी से उसे प्रेरणा मिली है। धनंजय कैंटीन में खाना बनाने का काम करते थे और बीते तीन महीने से बेरोजगार हैं। स्कूटी में पेट्रोल भरवाने के लिए धनंजय ने अपनी पत्नी के जेवर 10 हजार रुपये में गिरवी रखे हैं। धनंजय खुद 10वीं पास भी नहीं हैं, लेकिन वे अपनी पत्नी को शिक्षक बनाना चाहते हैं। इसीलिए पत्नी फिलहाल डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन द्वितीय वर्ष की परीक्षा दे रही हैं।