नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) विमानन नियामक डीजीसीए ने शुक्रवार को उन सभी एयरलाइन ऑपरेटरों को दिशानिर्देश जारी किये, जिन्होंने ‘ड्राई आइस’ में पैक कोविड-19 टीकों को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने की योजना बनाई है।
साथ ही, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस कार्य के लिए आवश्यक सुरक्षा एहतियात एवं तौर-तरीकों को रेखांकित किया है।
डीजीसीए ने इस बात का उल्लेख किया कि यदि ड्राई आइस में पैक टीके को विमान के ‘पैसेंजर केबिन’ में रख कर ले जाया जाता है, तो उड़ान के चालक दल के सदस्यों को इसके परिवहन के खतरों एवं जोखिम से निपटने के उपयुक्त प्रशिक्षित होने चाहिए।
डीजीसीए ने कहा कि ड्राई आइस सामान्य वायुमंडलीय दबाव में ‘‘-78 डिग्री सेल्सियस’’ से अधिक तापमान में कार्बन डाईऑक्साइड गैस में तब्दील हो जाती है और अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) ने इसे ‘खतरनाक वस्तु’ की श्रेणी में रखा है।
डीजीसीए ने कहा, ‘‘ड्राई आइस के साथ पैक कोविड-19 के टीकों के परिवहन में शामिल होने जा रहे सभी संचालक ड्राई आइस की अधिकतम गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे जिसे किसी कार्गो होल्ड में रखकर या सभी तरह के मालवहन परिचालन के लिए तैनात यात्री संस्करण के मुख्य डेक (यात्री केबिन) में रखकर ले जाया जा सकता है।’’
देश कोविड-19 के टीकाकरण के लिए तैयार हो रहा है और इसके लिए दूसरा राष्ट्रीय पूर्वाभ्यास आठ जनवरी को किया गया।
भाषा
सुभाष माधव
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