इंदौर। प्रदेश में कोरोना का कहर थमने के बाद अब डेंगू ने दस्तक दे दी है। इंदौर के एमजीएण मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब ने बीते 24 घंटों में जिले में 3 नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि की है। जिसके बाद जिले में अब तक 45 डेंगू के नए मामले सामने आ चुके हैं। वहीं इस बार डेंगू का संक्रमण युवाओं के साथ बच्चों में भी देखने को मिल रहा है। जिले में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों के बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ती जा रही है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम इलाकों में जाकर डेंगू की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक जिले में कुल 85 वार्ड है जिसमें करीब 2 हजार से ज्यादा कॉलोनियां बनी हुई है लेकिन जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की केवल 40 से 50 लोगों की ही टीम लगी है। जिस कारण मरीजों की सही तरह से पुष्टि नहीं हो पा रही है।
इन जिलों में मरीजों की पुष्टि
बता दें कि इंदौर सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित जिले में से एक था, वहीं अब जब यहां कोरोना मामले थमे ही थे कि डेंगू ने दस्तक दे दी है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ती ही जा रही है। जिले में अब तक बंगाली चौराहा, प्रोफेसर कॉलोनी, मालवा मिल, स्नेहलतागंज, नवरतन बाग, विजय नगर, नंदा नगर समेत कई इलाकों में डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। जानकारी के मुताबिक इस बार जो डेंगू के मरीज मिल रहे हैं उसमें 11 वर्ष से लेकर 45 वर्ष तक के मरीज शामिल है।
कैसे फैलता है डेंगू
डेंगू चार किस्मों के वायरस के संक्रमण से फैलता है। यह वायरस मादा एडीस मच्छर के काटने शरीर में फैल जाता है। डेंगू केवल गंदे पानी ही नहीं बल्कि साफ पानी में भी फैलता है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के फैलने का खतरा बना रहता है। यह एक वायरस से होता है इसलिए इसकी कोई दवा या एंटीबायटिक नहीं है। डेंगू की चपेट में आने के बाद लोगों को तेज बुखार के साथ नाक बहना, खांसी, आखों के पीछे दर्द, जोड़ों के दर्द और त्वचा पर हल्के रैश जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों के साथ ही कई बार लाल और सफेद निशानों के साथ पेट खराब, जी मिचलाना, उल्टी जैसी शिकायत भी इसमें देखने को मिलती है।