Demonetisation: केंद्र की मोदी सरकार ने नोटबंदी के बचाव में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक से नोटबंदी के फैसले पर जवाब मांगा था। इस पर 2016 में लिए गए नोटबंदी के फैसले पर हलफनामा दायर करते हुए सरकार ने कहा कि जाली मुद्रा और टेरर फंडिंग का मुकाबला करने के लिए ये प्रभावी उपाय है।
केंद्र सरकार ने नोटबंदी के बचान में दाखिल किए हलफनामा में बताया कि टेरर फंडिंग के अलावा ‘ब्लैकमनी, टैक्स चोरी आदि जैसे वित्तीय अपराधों का मुकाबला करने के लिए भी नोटबंदी काफी प्रभावी उपाय है। साथ ही केंद्र ने अपने फैसले को लेकर कहा कि नोटबंदी का ये फैसला भारतीय रिजर्व बैंक RBI की सिफारिश कर लिया गया था।
बता दें कि नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इसकी संवैधानिक वैधता को लेकर सवाल पूछा था। जिसमें 5 जजों की संविधान पीठ ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक से नोटबंदी के फैसले पर जवाब मांगा था। साथ ही कोर्ट ने नोटबंदी फैसले को लेकर एक व्यापक हलफनामा दाखिल करने को कहा था।
बता दें कि साल 2016 के नवंबर में केंद्र की मोदी सरकार ने देश में नोटबंदी करने की घोषणा की थी। जिसके तहत पूरे देश में 500 और 1000 रूपये के नोटों को रद्द कर दिया गया था। इस फैसले के बाद से लगभग पूरा देश बैंक के बाहर लाइन में खड़ा दिखाई दिया था। इससे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इस कारण नोटबंदी को खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई। वहीं अंत में बताते चलें कि 2016 के बाद से अभी तक नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाएं दर्ज कराई जा चुकी है।