Maharastra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय उथल-पुथल मचा हुआ है वहीं पर खींचतान के बीद एनसीपी पार्टी का बड़ा पैंतरा सामने आया है 10 घंटे बाद NCP ने सभी बागियों को डिस्क्वॉलिफाई करने के लिए विधानसभा के स्पीकर राहुल नर्वेकर के पास याचिका दाखिल कर दी है। बता दें कि, अजित पवार शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम और उनके 8 विधायक मंत्री बनें है।
अजित पवार के पास थी बड़ी जिम्मेदारी
आपको बताते चलें, उथल-पुथल के बीच चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा कि, पार्टी की कमान शरद पवार के पास है। शरद ने 1999 में पार्टी की स्थापना की थी। अजित की पार्टी पर दावे से जुड़ी कोई भी अपील पर कार्रवाई करने से पहले उनके पक्ष को भी सुने। इस बीच पार्टी ने जितेंद्र आव्हाड को विधानसभा में विपक्ष का नेता और मुख्य सचेतक (Chief Whip) नियुक्त किया है। जिसकी जिम्मेदारी पहले अजित पवार संभाल रहे थे।
पढ़ें ये खबर – Maharashtra Politics: नहीं है अजित पवार के पास 36 विधायकों का समर्थन, जानें राकांपा का बयान
क्या होगा अजित पवार का अगला कदम
आपको बताते चलें, आगे अपने कदम को लेकर अजित ने कहा कि उनके साथ पार्टी के 53 में से 40 विधायक हैं। यानी एक तिहाई से ज्यादा। उन्होंने NCP छोड़कर शिवसेना-भाजपा से हाथ नहीं मिलाया है, बल्कि NCP के तौर पर ही यह कदम उठाया है। हमने सभी सीनियर नेताओं को भी इसकी जानकारी दे दी है। साथ ही कहा कि, डेमोक्रेसी में मैजोरिटी को महत्व दिया जाता है। हमारी पार्टी 24 साल पुरानी है और युवा लीडरशिप को आगे आना चाहिए। ऐसे में पार्टी पर अधिकार को लेकर चुनाव आयोग में अजित पवार गुट का दावा मजबूत रहेगा और शरद पवार को पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ सकता है।
पढ़ें ये भी- Maharashtra Politics: भतीजे के धोखे से क्या होगा चाचा की पार्टी का, जानें सुप्रिया सुले का बड़ा बयान
कांग्रेस आलाकमान ने किया तलब
यहां पर महाराष्ट्र की राजनीति और बवाल को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने तलब किया है जहां पर चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने NCP प्रमुख शरद पवार को फोन किया और समर्थन जताया। यहां पर सियासी उलटफेर को लेकर शरद पवार ने कहा कि, मुझे देश के हर कोने से समर्थन मिल रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे और ममता बनर्जी ने मुझे कॉल किया। इसलिए मैं आज के घटनाक्रम से परेशान नहीं हूं। पवार ने बताया कि अगले दो-तीन दिन में वे कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के साथ बैठकर हालात की समीक्षा करेंगे।