नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने बुधवार को यहां दक्षिण दिल्ली के ‘मुहम्मदपुर’ गांव का नाम बदलकर ‘माधवपुरम’ करने के लिए आयोजित एक समारोह में भाग लिया और कहा कि स्थानीय लोग खुद को ‘गुलामी के प्रतीक’ से जोड़े रखना नहीं चाहते। पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों के साथ एक नए सिरे से चित्रित बोर्ड के सामने तस्वीर खिंचवाईं , जिस पर ‘माधवपुरम’ में आगंतुकों का स्वागत लिखा था।
जानें क्या कहा पार्टी ने आप
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि दिल्ली में ऐसे सभी मामलों के लिए एक ‘राज्य नामकरण प्राधिकरण’ है, और अगर उसे ऐसा कोई प्रस्ताव मिलता है, तो वह उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए उनकी समीक्षा करेगा और फैसला लेगा।गुप्ता ने ट्वीट किया, ”नगर निगम द्वारा एक प्रस्ताव पारित होने के बाद आज माधवपुरम के नामकरण की प्रक्रिया पूरी हुई। अब इस गांव को मुहम्मदपुर के बजाय माधवपुरम के नाम से जाना जाएगा। कोई भी दिल्लीवासी आजादी के 75 साल गुजरने के बावजूद गुलामी के किसी प्रतीक से जुड़ा नहीं रहना चाहता।” उन्होंने कहा कि भाजपा के स्थानीय पार्षद द्वारा पेश किये गए एक प्रस्ताव को दिल्ली के दक्षिण नगर निगम की मंजूरी मिलने के बाद स्थानीय लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने नाम बदलने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया था।
दिल्ली सरकार को भेजा गया था प्रस्ताव
गुप्ता ने कहा कि ‘मुहम्मदपुर’ का नाम बदलकर ‘माधवपुरम’ करने का प्रस्ताव पिछले साल दिसंबर में दिल्ली सरकार को भेजा गया था। हालांकि, सरकार ने ”पिछले छह महीने” से इसपर कोई फैसला नहीं लिया। दिल्ली भाजपा ने पिछले हफ्ते यह भी कहा था कि पार्टी केजरीवाल सरकार को एक प्रस्ताव भेजकर मांग करेगी कि शहर के 40 गांवों के नाम बदले जाएं क्योंकि वे ”गुलामी” के दौर के प्रतीक हैं। गुप्ता के अनुसार, ‘इन 40 गांवों में हुमायूंपुर, यूसुफ सराय, मसूदपुर, जमरूदपुर, बेगमपुर, सैदुल अजब, फतेहपुर बेरी, हौज खास और शेख सराय शामिल हैं। बहरहाल, आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा नहीं चाहती कि सरकार नियत प्रक्रिया के अनुसार काम करे और वह गुंडागर्दी के अवसर तलाश रही है।