Delhi Riots Case: दिल्ली 2020 दंगों के मुख्य आरोपियों में से एक उमर खालिद और खालिद सैफी को दिल्ली कोर्ट ने बरी कर दिया है। बता दें कि जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और ‘यूनाइटेड अगेन्स्ट हेट’ का सदस्य खालिद सैफी दिल्ली दंगों का आरोपी था। हालांकि कोर्ट ने दिल्ली 2020 दंगों के मामलें में पूर्व आप नेता ताहिर हुसैन के ऊपर चार्जेस को नहीं हटाया है।
बता दें कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने आदेश जारी करते हुए मामले में खालिद और सैफी को बरी कर दिया। वहीं बता दें कि जेएनयू के पूर्व छात्र नेता, जिनका नाम पहले ही जेएनयू कैंपस में कथित राष्ट्र-विरोधी नारे लगाने के मामले में सामने आया था, को पहले ही सैफी के साथ दंगों के मामले में जमानत मिल गई थी। हालांकि खालिद और सैफी दोनों जेल में ही रहेंगे, क्योंकि दंगों में साजिश को लेकर वे UAPA के तहत न्यायिक हिरासत में हैं। विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) मधुकर पांडे ने पत्रकारों को बताया कि अदालत ने यह देखते हुए खालिद और सैफी को बरी कर दिया कि वे पहले से ही ‘बड़ी साजिश’ मामले में अभियोजन का सामना कर रहे हैं। बता दें कि वे पहले से ही जेएनयू में देश विरोधी बयान के मामले में जेल में बंद है।
बता दें कि मामला कजुरी खास पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने जांच के बाद आईपीसी की 109, 114, 147, 148, 149, 153-ए 186, 212, 353, 395, 427, 435, 436, 452, 454, 505, 34 और 120-बी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इसके अलावा सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम की क्षति की रोकथाम के 3 और 4 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 और 27 की धारा भी लगाई गई थी।
बता दें कि, 24 फरवरी, 2020 को दिल्ली के बाग पुलिया के पास एक बड़ी भीड़ पथराव कर रही थी, जिससे घटनास्थल पर मौजूद पुलिस कर्मियों को पास की एक पार्किंग में शरण लेनी पड़ी। पार्किंग आप के पूर्व पार्षद के आवास के पास थी। भीड़ ने पार्किंग का गेट तोड़ दिया और अंदर शरण लिए लोगों पर हमला किया। भीड़ ने कथित तौर पर कुछ वाहनों में आग भी लगा दी। फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में भड़की हिंसा में कुल 53 लोगों की मौत हुई थी और लगभग 700 लोग घायल हुए थे।