Delhi Judge Justice Yashwant Varma Cash Case | CJI Sanjeev Khanna: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना ने दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कदम जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद उठाया गया है। इस दौरान जस्टिस वर्मा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ 21 मार्च को एक जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित घर में आग लगी थी और उसके बाद बेहिसाब नकदी बरामद होने का दावा किया गया था। हालांकि, फायर सर्विस के अधिकारियों का कहना था कि उन्हें कोई कैश नहीं मिला था।
चर्चा के अनुसार, जस्टिस वर्मा के घर से 15 करोड़ रुपये की नकदी मिलने का दावा किया जा रहा है, जिससे पूरे मामले में विवाद बढ़ गया है। इसके बाद, दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय ने एक इन-हाउस जांच शुरू की और उसकी रिपोर्ट CJI संजीव खन्ना को सौंपी।
CJI संजीव खन्ना ने बनाई तीन सदस्यीय कमेटी
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा (Justice Yashwant Varma Cash Case) के खिलाफ जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में जस्टिस शील नागू, जस्टिस जी.एस. संधावालिया और जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं।
सीजेआई खन्ना ने यह भी कहा कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी। इस दौरान जस्टिस वर्मा को न्यायिक कार्य से पूरी तरह से निलंबित कर दिया गया है, यानी वह जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक कोर्ट का कोई भी कार्य नहीं करेंगे।
जस्टिस वर्मा पर पहले भी लगे थे आरोप
यह पहली बार नहीं है जब जस्टिस यशवंत वर्मा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। 2018 में, यूपी के सिम्भावली शुगर मिल में गड़बड़ी के मामले में CBI ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इससे पहले जस्टिस वर्मा (Justice Yashwant Varma Cash Case) इस शुगर कंपनी में नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे। उस समय उन्हें कई अनियमितताओं का जिम्मेदार ठहराया गया था।
जांच में आगे क्या होगा?
अब सुप्रीम कोर्ट का कलीजियम जस्टिस वर्मा के खिलाफ आई रिपोर्ट की जांच करेगा और इसके आधार पर आगे की कार्रवाई करेगा। इस मामले के बारे में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह भी घोषणा की गई है कि सभी संबंधित दस्तावेजों को वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
फायर सर्विस का बयान
14 मार्च को हुए इस घटनाक्रम के बाद, दिल्ली फायर सर्विस के चीफ अतुल गर्ग ने भी बयान दिया था। उनके अनुसार, जस्टिस वर्मा के घर में आग बुझाने के दौरान कोई कैश नहीं पाया गया था। इससे यह साफ होता है कि इस मामले में कुछ भिन्न-भिन्न बयानों और जानकारियों के कारण विवाद और भ्रम की स्थिति बनी हुई है। बता दें, जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रही है।
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