Rau’s IAS Study Circle: राजधानी दिल्ली स्थित Rau’s IAS स्टडी सर्किल कोचिंग (Rau’s IAS Study Circle) हादसे वाले मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने पूछा कि अब तक क्या किसी दिल्ली नगर निगम (MCD) के अफसर पर कोई कार्रवाई हुई है? न्यायालय ने कहा कि ओल्ड राजेंद्र नगर में जल निकासी के लिए उचित व्यवस्था नहीं है। हाईकोर्ट ने MCD को जमकर फटकार लगाई।
‘सभी ब्लेम-गेम खेल रहे’
हाईकोर्ट बेंच ने कहा कि इस तरह की घटनाएं सिस्टम की नाकामी है। ये सब अफसरों की मिलीभगत से हुआ है। सभी ब्लेम-गेम खेल रहे हैं। किसी एक की जिम्मेदारी तय करनी होगी। MCD अधिकारियों से पूछो कि नाली कहां है तो नहीं बता पाएंगे, क्योंकि वे अपने AC ऑफिस से बाहर ही नहीं निकलते। जूनियर अफसरों को सस्पेंड करके कुछ नहीं होगा।
2 अगस्त को होगी सुनवाई
कोर्ट ने MCD से गुरुवार यानी 1 अगस्त तक कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी और कहा- अगर MCD ठीक से जांच नहीं कर पा रही है तो केस सेंट्रल एजेंसी को सौंप सकते हैं। 2 अगस्त को अगली सुनवाई करेंगे। MCD के डायरेक्टर भी उस दिन कोर्ट में हाजिर हों।
मुफ्तखोरी नीतियों की आलोचना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उच्च न्यायालय (Rau’s IAS Study Circle) में सुनवाई के दौरान कहा गया कि उस इलाके में पानी कैसे जमा हो गया, ये कोई रॉकेट साइंस नहीं है। जब अधिकारियों ने इमारत को बनाने की मंजूरी दी, तो क्या उन्हें इसकी बिलकुल भी जानकारी नहीं थी। हर तरफ से जिम्मेदारी एक दूसरे के सिर पर डालने का प्रयास किया जा रहा है।
कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की दो जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि मुफ्तखोरी संस्कृति (Rau’s IAS Study Circle) के कारण सरकार के पास शहर की बढ़ती आबादी के मद्देनजर इंफ्रास्ट्रक्चर, खासकर शहर की जल निकासी प्रणाली पर खर्च करने के लिए पैसा बिलकुल नहीं है।
हाई कोर्ट ने दिए MCD के कमिश्नर-DCP को पेश होने के निर्देश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम कमिश्नर, डीसीपी और अन्य जांच अधिकारियों को दो अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मामले की जांच पर भी सवाल या निशान खड़े किए हैं।
इसे ‘अजीब’ बताया है, क्योंकि कार चलाने वाले राहगीर के खिलाफ पुलिस कार्रवाई चल रही है, लेकिन दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ किसी प्रकार की जांच ही नहीं चल रही। कोर्ट ने बताया कि कोचिंग सेंटर के बेसमेंट के सभी पांच सह-मालिकों की जमानत याचिका पर शाम 4 बजे आदेश पारित किया जाएगा।
उच्च न्यायालय ने सख्ती से साथ कहा कि लोगों की जान महंगी है। नालियों के लिए किसी भी तरह का मास्टरप्लान तैयार नहीं किया गया है। अगर अधिकारी हर चीज की जांच करने में सक्षण नहीं, तो हम इसकी जांच किसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपेंगे।
शायद हम लोकपाल लाएंगे। वरिष्ठ अधिकारियों को मैदान पर उतरना चाहिए। अदालत ने निर्देश दिए कि ओल्ड राजेंद्र नगर के सभी नाले साफ किए जाएंष इलाके के सभी अतिक्रमणों को दो दिनों के भीतर साफ कराएं।
हर जिले में एक जिला स्तरीय कमेटी बनाने की मांग
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित Rau’s IAS स्टडी सर्किल कोचिंग हादसे में हाई लेवल कमेटी बनाने की मांग की गई थी। याचिता सार्वजनिक ट्रस्ट कुटुंब द्वारा उच्च न्यायालय में दायर की गई थी। याचिका में एनसीआर के हर जिले में एक जिला स्तरीय कमेटी बनाने की मांग की गई है, जो अपने-अपने जिलों में अवैध कमर्शियल बिल्डिंगों की जांच करेगी।
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