नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) दिल्लीवासियों को ‘‘ब्रिटेन में सामने आए कोरना वायरस के नए स्वरूप से बचाने’’ के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को घोषणा की कि ब्रिटेन से दिल्ली पहुंचने वाले यात्रियों को कोविड-19 जांच में निगेटिव पाये जाने के बाद भी सात दिन के संस्थागत पृथक-वास में रहना होगा।
संस्थागत पृथक वास के बाद ऐसे यात्रियों को अगले सात दिन घर पर पृथक रहना होगा जिसे जिला प्रशासन कड़ी निगरानी द्वारा सुनिश्चित कराएगा।
शुक्रवार को जारी किये गये आदेश में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि नये नियम परीक्षण के आधार पर 14 जनवरी तक लागू रहेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि नये नियमों की अवधि के विस्तार पर स्थिति की समीक्षा के बाद निर्णय लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहुंचने के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जो यात्री संक्रमित पाये जायेंगे, उन्हें सरकार द्वारा बनाये गये केंद्रों में अलग रखा जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ दिल्लीवासियों को ब्रिटेन के कोरोना वायरस के नए स्वरूप के संपर्क में आने से बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने अहम निर्णय लिये हैं। ब्रिटेन से आ रहे यात्रियों को हवाई अड्डे पर पहुंचने पर अनिवार्य तौर पर अपने खर्च पर आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ब्रिटेन से आ रहे लोगों में जो संक्रमित पाये जाएंगे उन्हें पृथक केंद्र (आइसोलेशन फेसेलिटी) में रखा जाएगा। जो निगेटिव पाये जायेंगे, उन्हें सात दिनों के लिए पृथक वास के लिए ले जाया जाएगा और उसके बाद उन्हें सात दिनों तक घर में पृथक रहना होगा।’’
मुख्य सचिव ने कहा, ‘‘ जो निगेटिव पाये जायेंगे उन्हें अपने खर्च पर रुकने या सरकार की मुख्य संस्थागत पृथक-वास सुविधा का विकल्प दिया जाएगा।’’
दिल्ली में अबतक 13 लोग उसे नये कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं जो ब्रिटेन में सामने आया।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि जो सरकारी पृथक-वास केंद्रों में नहीं रहना चाहते हैं, उनके लिए अपने खर्च पर पृथक-वास के लिए प्रशासन ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास कुछ होटलों की पहचान की है।
उन्होंने कहा कि जो संस्थागत पृथकवास चुनेंगे, उन्हें दक्षिण दिल्ली के छत्तरपुर इलाके के तेरापंथ भवन में ले जाया जाएगा।
लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल के अलावा सरकार ने राजीव गांधी सुपर स्पेशलियटी अस्पताल में पृथक सुविधा बनायी है।
अपने आदेश में डीडीएमए ने कहा, ‘‘ नये कोरोना वायरस के फैलने की संभावना में वृद्धि के मद्देनजर प्रचुर एहतियात के दौरान तय किया है कि ब्रिटेन से आ रहे यात्रियों को हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद अपने खर्च से अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर करवाना होगा।’’
बृहस्पतिवार को केजरीवाल ने कहा था,‘‘ बड़ी मुश्किल से लोगों ने कोविड की स्थिति पर काबू पाया है। ब्रिटेन की कोविड स्थिति गंभीर है। अब, पाबंदी हटाकर लोगो को जोखिम के मुंह में क्यों डाला जाए।’’
केंद्र सरकार ने 23 दिसंबर को ब्रिटेन से उड़ानों का निलंबित कर दिया था । विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने शनिवार को कहा था कि भारत से ब्रिटेन के लिए उड़ाने छह जनवरी से बहाल हो जाएंगी लेकिन वहां से भारत के लिए उड़ाने आठ के बाद बहाल होंगी।
इस माह के प्रारंभ में स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी आदेशों के अनुसार आठ जनवरी और 30 जनवरी के बीच ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों को पहुंचने पर अपने पैसे से कोविड-19 जांच करानी होगी।
दिल्ली में 25 नवंबर से 23 दिसंबर, 2020 तक करीब 1400 दिल्लीवासी आये थे जिसके बाद प्रशासन ने ऐसे व्यक्तियों एवं उनके संपर्क में आये लोगों को पहचान घर घर जाकर जांच का अभियान शुरू किया।
जो नया कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं, उन्हें दिल्ली सरकार के एलएनजेपी अस्पताल में अलग कमरों में रखा गया है।
कम से कम 66 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये जिनमें ब्रिटेन से लौटे लोग और उनके संपर्क में आये लोग हैं। उनमें से ज्यादातर को एलएनजेपी अस्पताल में रखा गया है।
तीस दिसंबर को दिल्ली सरकार ने चार निजी अस्पतालों– मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशिलटी अस्पताल साकेत, बतरा हॉस्पीटल एंड रिसर्च सेंटर, तुगलकाबाद इंस्टीट्यूशनल एरिया, फोर्टिस सुपर स्पेशिलटी हॉस्पीटल, वसंतकुंज और सर गंगाराम सिटी अस्पताल में पृथक सुविधा केंद्र बनाने का आदेश दिया था।
भाषा
राजकुमार पवनेश
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