Delhi Baby Care Hospital Fire: दिल्ली में बेबी केयर न्यू बॉर्न हॉस्पिटल के पास फायर NOC नहीं थी। ऐसी गंभीर लापरवाही की वजह से अस्पताल में आग लगी और 7 नवजातों की मौत हो गई। अस्पताल का लाइसेंस भी एक्सपायर हो गया था। पुलिस ने इस केस में अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन खींची और हादसे के वक्त ड्यूटी कर रहे डॉ. आकाश को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों की सोमवार को कोर्ट में पेशी होगी।
बेबी केयर न्यू बॉर्न हॉस्पिटल में लापरवाही
एक्सपायर लाइसेंस
सभी अस्पतालों को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेस (DGHS) से लाइसेंस लेना पड़ता है। बेबी केयर न्यू बॉर्न हॉस्पिटल का लाइसेंस 31 मार्च को ही एक्सपायर हो गया था। मालिक लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद 5 बेड का अस्पताल ही चला सकते थे, लेकिन हादसे के वक्त 12 बच्चे भर्ती थे।
फायर NOC नहीं
बेबी केयर न्यू बॉर्न हॉस्पिटल के पास फायर NOC नहीं थी। दिल्ली फायर सर्विस डिपार्टमेंट से अस्पताल को फायर NOC नहीं मिली थी। हॉस्पिटल में इमरजेंसी एग्जिट और फायर एक्सटिंगिशर भी नहीं था।
अनक्वालिफाइड डॉक्टर
पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला है कि अस्पताल में अनक्वालिफाइड डॉक्टर थे। वे नवजातों का इलाज नहीं कर सकते थे, क्योंकि उनके पास BAMS की डिग्री थी।
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दिल्ली में आग लगने की समस्या
एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में आग लगने की घटनाएं और उससे होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2022 और 2023 में दिल्ली के 66 अस्पतालों में आग लगी थी। इस साल 1 से 20 मई के बीच ही दिल्ली फायर सर्विस में आग लगने की समस्या से जुड़ी 2200 से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं। 2023 में आग लगने के मामलों के 32 हजार फोन आए थे। आग से 1029 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 2022 में आग लगने की 27 हजार 343 घटनाओं में 591 लोगों ने जान गंवाई थी।