हाइलाइट्स
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ओबीसी आरक्षण पर बयान देने पर बीजेपी नेताओं पर हुआ मानहानिक केस
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विवेक तन्खा ने एमपी-एमएलए कोर्ट में मानहानि का केस लगाया
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जबलपुर हाईकोर्ट से लोकसभा प्रत्याशी होने पर मिली राहत
Defamation case of BJP leader: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर ने मानहानि के मामले (Defamation case of BJP leader) में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह के विरुद्ध एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट द्वारा जारी जमानती वारंट पर रोक लगा दी।
जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कहा कि अधीनस्थ अदालत को वारंट जारी नहीं करना था।
शिवराज-वीडी के वकील ये यह रखा तर्क
यह मामला (Defamation case of BJP leader) निचली अदालत से होता हुआ हाईकोर्ट तक पहुंचा और अभी यहां लंबित है।
हाईकोर्ट की एकलपीठ (Defamation case of BJP leader) ने कहा कि शिवराज और वीडी शर्मा लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी हैं और उनका लोकसभा क्षेत्र जबलपुर से दूर है।
अधिवक्ता ने आवेदन पेश कर जब कहा कि याचिकाकर्ताओं के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अंडरटेकिंग देना मुश्किल है तो उन्हें छूट दी जानी चाहिए।
एमपी-एमएलए कोर्ट ने ये किए थे आदेश विश्वेश्वरी
गौरतलब है कि एमपी-एमएलए की विशेष न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा की अदालत ने मानहानि के मामले (Defamation case of BJP leader) में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा व पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह के विरुद्ध पांच-पांच सौ रुपए का जमानती वारंट जारी किया था।
अदालत ने तीनों नेताओं को 7 मई को हाजिर होने के निर्देश दिए थे। इस आदेश (Defamation case of BJP leader) के खिलाफ तीनों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।
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एमपी-एमएलए कोर्ट ने आगे की तारीख को एक महीने पीछे किया
हाईकोर्ट इस मामले (Defamation case of BJP leader) में तीनों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन सिंह ने दलील दी कि एमपी-एमएलए कोर्ट में आवेदन देकर यह बताया गया था कि शिवराज और वीडी शर्मा लोकसभा प्रत्याशी हैं और चुनावी व्यस्तता के चलते दोनों का व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना मुश्किल है।
उन्होंने तर्क दिया कि पहले अधीनस्थ अदालत ने 7 जून की तिथि तय की थी और बाद में उसे बदलकर 7 मई कर दिया गया, जो कि अनुचित है।
उन्होंने मांग की कि चुनावी व्यक्तता के चलते याचिकाकर्ताओं को व्यक्तिगत हाजिरी से मुक्त किया जाए।
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विवेक तन्खा ने लगाया मानहानि केस
प्रकरण के अनुसार तीनों नेताओं के विरुद्ध जबलपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा द्वारा 10 करोड़ रुपए का मानहानि (Defamation case of BJP leader) का दावा किया गया है।
परिवाद में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण से संबंधित उन्होंने कोई बात नहीं कही थी।
उन्होंने मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव मामले में परिसीमन और रोटेशन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी तो भाजपा नेताओं ने साजिश करते हुए इसे गलत ढंग से पेश किया।
उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज सिंह, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने गलत बयान देकर ओबीसी आरक्षण पर रोक का ठीकरा उनके सिर फोड़ दिया। जिससे उनकी छवि धूमिल करके आपराधिक मानहानि की है।