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MP सरकार की वित्तीय स्थिति बेहतर, तो फिर क्यों नहीं हो पा रहा कर्मचारियों के DA Hike पर फैसला

DA Hike in MP: कैबिनेट बैठक में डीए को लेकर फिर चर्चा नहीं हो सकी। जिसके बाद कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है।

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Rahul Sharma
MP सरकार की वित्तीय स्थिति बेहतर, तो फिर क्यों नहीं हो पा रहा कर्मचारियों के DA Hike पर फैसला

   हाइलाइट्स

  • MP कैबिनेट में महंगाई भत्ते पर फिर नहीं हो सकी चर्चा
  • केंद्र और राज्य कर्मचारियों के बीच डीए में 8% का अंतर
  • 15 मार्च को मंत्रालय के बाहर कर्मचारी करेंगे प्रदर्शन
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DA Hike: मध्य प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति बेहतर है। किसी भी योजना में फंड की कोई कमी नहीं है। यह बात खुद कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से कही।

अब सवाल ये उठता है कि यदि प्रदेश की माली हालत ठीक है तो फिर क्यों कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोत्तरी नहीं हो पा रही है।

   तीन बैठकों से कर्मचारियों को थी उम्मीद

प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को इस कैबिनेट बैठक से भी निराशा हाथ लगी है।

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बीते तीन कैबिनेट बैठकों से कर्मचारियों को ये आश थी कि महंगाई भत्ते (DA Hike) को बढ़ाए जाने संबंधी कोई निर्णय होगा, लेकिन किसी बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा ही नहीं हो सकी।

लंबे समय से प्रदेश में 7.5 लाख कर्मचारी महंगाई भत्ते (DA) और 4.5 लाख रिटायर कर्मचारी महंगाई राहत (DR) में इजाफा होने की राह ताक रहे हैं।

   क्या लोकसभा चुनाव तक लटक सकता है मामला

अब लग तो यही रहा है कि महंगाई भत्ते (DA Hike) से संबंधी फैसला लोकसभा चुनाव के बाद ही हो।

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हालांकि मुख्यमंत्री के पास ये अधिकार है कि वह सप्ताह में जितने दिन चाहे उतने दिन कैबिनेट बैठक बुला सकते हैं।

फिर भी माना जा रहा है कि 14 मार्च को हुई कैबिनेट बैठक आचार संहिता लगने से पहले की अंतिम बैठक थी।

   क्या आचार संहिता में नहीं लिया जा सकता फैसला

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सवाल ये भी है कि क्या सरकार आचार संहिता के दौरान महंगाई भत्ते (DA Hike) पर कोई फैसला नहीं ले सकती। बिल्कुल ले सकती है, लेकिन इससे कुछ होगा नहीं।

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बता दें कि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान तत्कालीन शिवराज सरकार ने 4% डीए बढ़ाने का प्रस्ताव लेकर चुनाव आयोग के पास भेजा था, लेकिन चुनाव आयोग ने इस प्रस्ताव का खारिज कर दिया था।

   केंद्र सरकार ने हाल ही में बढ़ाया DA

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केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2023 में अपने कर्मचारियों के लिए DA में 4% की बढ़ोत्तरी की थी। जिसके कारण केंद्रीय कर्मचारियों को 46% DA मिलने लगा था।

हाल ही में फिर केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA Hike) में 4% की बढ़ोत्तरी की गई, जिससे डीए बढ़कर 50% हो गया है।

   कर्मचारियों के DA में 8% का अंतर

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केंद्र सरकार हर बार निर्धारित समय पर केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इजाफा (DA Hike in MP) कर देती है, लेकिन मध्य प्रदेश में इसे लेकर अनिमितता बनी हुई है।

यही कारण है कि केंद्र और राज्य कर्मचारियों के डीए में 8% तक का अंतर हो गया है। मध्य प्रदेश में कर्मचारियों को 42% महंगाई भत्ता ही मिल रहा है।

   मंत्रालय कर्मचारी संघ ने बुलाई थी आपात बैठक

कर्मचारियों के 8% मंहगाई भत्ता (MP DA Hike) एवं अन्य लंबित मंत्रालयीन मांगों के संबंध में आगामी रणनीति बनाने के लिए 13 मार्च को आपात बैठक बुलाई।

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मांगों को लेकर मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ ने मुख्य सचिव कार्यालय में ओएसडी राजेश सिंह और सचिव भरत यादव को ज्ञापन दिया था।

प्रतिनिधी मण्डल में अध्यक्ष सुधीर नायक के साथ राजेश कौल, राजकुमार पटेल, आशीष सोनी सहित अन्य शामिल थे।

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   मंत्रालय सहित पूरे प्रदेश में होगा प्रदर्शन

महंगाई भत्ता (DA Hike in MP) नहीं बढ़ने के विरोध में 15 मार्च को कर्मचारी संगठन मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ दोपहर 1 बजे मंत्रालय के बाहर महंगाई भत्ता बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन करेगा।

वहीं कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन का ऐलान किया है।

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   DA बढ़ाने से आएगा 150 करोड़ का अतिरिक्त भार

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सरकार यदि एमपी के कर्मचारियों के डीए (DA Hike in MP) में 4 फीसदी का इजाफा करती है तो सरकारी खजाने पर हर महीने 150 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा।

केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के डीए में 8 प्रतिशत का अंतर है। ऐसे में यदि सरकार एक साथ 8 फीसदी डीए बढ़ा देती है तो सरकारी खजाने पर हर महीने 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा।

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