हाइलाइट्स
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लाड़ली बहना, किसान सम्मान निधि समेत अन्य योजनाओं का बढ़ा बोझ
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एमपी सरकार पर तीन लाख 64 हजार करोड़ से अधिक कर्ज
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तीन किस्त में 27 फरवरी को कर्ज लेगी मोहन सरकार
भोपाल। Debt On MP: मध्य प्रदेश की जनता पर एक बार फिर से कर्ज का बोझ बढ़ने वाला है। एमपी की मोहन सरकार फिर 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है।
यह कर्ज फरवरी माह में तीसरी बार एमपी की डॉ. मोहन यादव सरकार ले रही है। इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कहीं एमपी में लाड़ली बहना योजना, किसान सम्मान निधि की बढ़ाई जाने वाली राशि सरकार के लिए बोझ तो नहीं बन रही है ?
बता दें कि एमपी की मोहन सरकार दो माह (जनवरी-फरवरी) में साढ़े दस हजार करोड़ रुपए का कर्ज (Debt On MP) ले चुकी है।
अब रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय के माध्यम से अपने गवर्मेंट स्टाक का विक्रय कर तीन हिस्सों में कुल पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से लिया जाएगा।
तीन किस्तों में लेंगे कर्ज
मध्य प्रदेश सरकार अब तक कुल 27 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज (Debt On MP) वर्तमान वित्त वर्ष 2023-24 में ले चुकी हैं। अब पांच हजार करोड़ रुपए का नया कर्ज भी इसमें जुड़ जाएगा। इसे मिलाकर सरकार पर कुल कर्ज 32 हजार 500 करोड़ रुपए हो जाएगा।
बता दें कि एमपी सरकार ने वर्ष 2024 में 23 जनवरी को ढाई हजार करोड़ रुपए कर्ज (Debt On MP) लिया, छह फरवरी को तीन हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया और बीस फरवरी को पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है। अब 27 फरवरी को तीन किस्तों में पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया जाएगा।
प्रदेश सरकार पर अब इतना होगा कर्ज
बता दें कि एमपी सरकार पर मार्च 2023 की स्थिति में तीन लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज (Debt On MP) है। इसके साथ ही मार्च 2023 के बाद अब तक लिए गए कर्ज को मिलाकर मध्य प्रदेश सरकार पर कुल कर्ज तीन लाख 64 हजार करोड़ रुपए से अकिध हो गया है।
यह कर्ज प्रदेश के प्रति व्यक्ति औसतन 41 हजार रुपए से अधिक का कर्ज है। मध्य प्रदेश की जनसंख्या 7 करोड़ से अधिक है।
22 साल की अवधि के लिए रहेगा कर्ज
बता दें कि 27 फरवरी को जो कर्ज (Debt On MP) लिया जाएगा। वह 2000-2000 करोड़ और 1000 करोड़ के रूप में तीन हिस्सों में लिया जाएगा।
पहले और दूसरे 2000-2000 करोड़ रुपए के कर्ज 20 साल और 21 साल के लिए होंगे, जिसका ब्याज सरकार चुकाती रहेगी, और कर्ज की अवधि 28 फरवरी 2044 तथा 28 फरवरी 2045 होगी।
इसके अलावा एक हजार करोड़ रुपए का एक अन्य कर्ज 22 साल की अवधि के लिए होगा। जिसकी भरपाई सरकार को 28 फरवरी 2046 तक ब्याज के रूप में करेगी।
कोई रिस्क नहीं लेना चाहती सरकार
बता दें कि देश में लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख की घोषणा कभी भी हो सकती है। ऐसे में एमपी की बीजेपी सरकार किसी भी योजना में ढिलाई बरतना या उसे बंद करना नहीं चाहती है।
बता दें कि एमपी (Debt On MP) में लाड़ली बहना योजना ने ही बीजेपी को विधानसभा चुनाव 2023 में प्रचंड बहुत दिलाया है। यही बहुमत लोकसभा चुनाव 2024 में भी बीजेपी दोहराना चाहती है और इस बहुमत को और बढ़ाने के लिए लाड़ली बहनों की किस्त की राशि माह की एक तारीख को उनके खाते में ट्रांसफर करने की घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कर दी गई है।
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लाड़ली बहना में सबसे ज्यादा खर्च
एमपी सरकार का सबसे ज्यादा खर्च लाड़ली बहना योजना में हो रहा है। जहां हर माह 1 करोड़ 31 लाख बहनों के खातें में यह राशि डाली जा रही है।
अब यह राशि बढ़ाकर 1250 रुपए कर दी गई है। एमपी (Debt On MP) सरकार लाड़ली बहनों को लोकसभा चुनाव तक समय पर राशि उनके खाते में ट्रांसफर करना चाहती है।
ऐसे में खजाने में पैसे की कमी (Debt On MP) से लाड़ली बहना योजना पर असर पड़ सकता है, इसके साथ ही किसान सम्मान निधि और अन्य योजनाओं पर भी इसका असर पड़ सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि इसलिए मोहन सरकार फिर 5 हजार करोड़ का कर्ज ले रही है।
इन योजनाओं में सरकार का सबसे ज्यादा खर्च
लाड़ली बहना योजना: इस योजना (Debt On MP) में करीब 1 करोड़ 31 लाख महिलाएं पंजीकृत हैं। जिन्हें 1250 रुपए प्रतिमाह के रूप में राशि दी जा रही है। 1250 रुपए के हिसाब से 163.75 करोड़ हर महीने का खर्च हो रहा है। इससे 12 माह में कन्वर्ट करें तो एक साल में 19,650 करोड़ रुपए एमपी सरकार खर्च करेगी।
किसान सम्मान निधी: एमपी (Debt On MP) में करीब 87 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि की राशि दी जाती है। एमपी के किसानों को दो हजार रुपए बढ़ाकर 6 हजार रुपए की गई है। इससे सरकार के खजाने में लगभग 1750 करोड़ का सालाना अतिरिक्त बोझ बढ़ा है।
मेधावी छात्रों को लैपटॉप: पिछली शिवराज सिंह चौहान की सरकार (Debt On MP) ने कक्षा 12वीं के मेधावी छात्रों को लैपटॉप देने की घोषणा की थी। जिसके तहत 78,641 मेधावी छात्र-छात्राओं के खाते में 25-25 हजार रुपए डाले। इससे सरकार पर 196 करोड़ 60 लाख रुपए का बोझ बढ़ा है।
स्कूटी वितरण: पिछली सरकार (Debt On MP) ने 7800 स्टूडेंट्स को स्कूटी वितरित की थी। जिसमें इलेक्ट्रिक स्कूटी 1 लाख 20 हजार और पेट्रोल वाली स्कूटी के लिए 90 हजार रुपए निर्धारित किए थे। इस पर 79 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
इन पर भी बढ़ा सरकार का खर्च
बता दें कि एमपी (Debt On MP) की सरकार ने रोजगार सहायकों का वेतन दोगुना किया। पंचायत सचिवों को 7वां वेतनमान। कर्मचारियों का डीए 4 प्रतिशत बढ़ाया। अतिथि शिक्षकों का मानदेय दोगुना। कॉलेज के अतिथि विद्वानों का मानदेय 20 हजार बढ़ाया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया।