नई दिल्ली। जीवन में बुरा समय Dangerous Dosha in Kundli आने पर सबसे पहले हम अपनी कुंडली kundli खंगालने लगते हैं। ज्योतिषाचार्यों astrology की मानें तो कई बार कुंडली life style में पाए जाने वाले hindi news दोष भी इसके लिए उत्तरदायी होते हैं। कुंडली में मौजूद गुण-दोष व्यक्ति के जीवन पर बड़ा असर डालते हैं। ज्योतिष में ऐसे ही 5 सबसे खतरनाक दोष बताए गए हैं। ज्योतिष की भाषा में समझें तो जब कुंडली में अशुभ और शुभ ग्रहों का मिलान हो जाता है तो वे कुंडली दोष का निर्माण करते हैं। ये जीवन में समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
ला सकते हैं सभी तरह की समस्याएं —
ज्योतिषाचार्यो की मानें तो ये दोष जीवन में आने वाली सभी तरह की समस्याओं जैसे आर्थिक स्थिति, करियर, रिश्तों में दिक्कतें, बीमारियों के अलावा समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की हानि जैसे कई स्थायी का कारण बन सकते हैं। आज हम आपको बताते हैं कुंडली के 5 सबसे खतरनाक दोष और उनके उपायों के बारे में।
कालसर्प दोष (kaal sarp dosh) —
ये नाम ही ऐसा है जिसके सुनते ही लोगों के कान सुन्न हो जाते हैं। लेकिन आपको भी कुंडली में कालसर्प दोष को समझने की जरूरत हैं। न कि इससे परेशान होने। जब कुंडली में राहु और केतू एक साथ आ जाते हैं तो यह कालसर्प दोष की स्थिति निर्मित करते हैं। इसके अलावा यदि सभी 7 प्रमुख ग्रह राहु और केतु ग्रह की धुरी के भीतर होते हैं। तो भी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष उत्पन्न होता है। ये दोष जीवन में अधिक संघर्ष कराता है। इसकी पहचान यही होती है कि आपके बनते हुए काम बिगड़ने लगते हैं।
निवारण के ज्योतिषीय उपाय — kaal sarp dosh ke upay
– काल सर्प दोष निवारण पूजा करवाएं।
– मां दुर्गा और भगवान गणेश की पूजा करें।
– मंगलवार के दिन राहु और केतु के लिए अग्नि अनुष्ठान करें।
– हनुमान चालीसा का पाठ करें।
– मंगलवार के दिन सांपों को दूध पिलाएं।
– कालसर्प दोष निवारण के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ भी फलदायी होता है।
मंगल दोष (Mangal dosh) —
मंगल दोष की बात करें तो इसे वैदिक शास्त्र में सबसे खतरनाक दोषों में से एक माना जाता है। जब कुंडली में ये दोष होता है तो रिश्तों में तनाव का कारण बनता है। व्यक्ति की कुंडली में जब प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में मंगल होता है। तो यह स्थिति मांगलिक दोष कहलाती है। विवाह के लिए ये दोष बहुत अशुभ माना जाता है। एक सफल सुखद वैवाहिक जीवन के लिए बेहद आवश्यक है कि दोनों ही जीवन साथी की कुंडली में मंगल दोष न हो। यदि किसी एक की कुंडली में मंगल दोष है, तो विवाह के बाद रिश्ते में प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देने लगते हैं।
निवारण के ज्योतिषीय उपाय — Mangal dosh ke upay
– हनुमान चालीसा का पाठ करें।
– मंगल ग्रह के लिए अग्नि अनुष्ठान करें।
– 108 बार “ॐ भोमाय नमः” का जाप करें।
– विधि-विधान के साथ मांगलिक दोष निवारण पूजा करवाएं।
– मंगलवार के दिन मंदिर में मां दुर्गा की पूजा करें और दीपक जलाएं।
केन्द्राधिपति दोष (Kendradhipati dosh): —
जब भी किसी शुभ ग्रह की राशि केंद्र में होती है तो उसको केन्द्राधिपति दोष लग जाता है। शुभ ग्रह यानि बृहस्पति, बुध, शुक्र, और चंद्रमा। इनमें से बृहस्पति और बुध के कारण होने वाला यह दोष और भी गंभीर और प्रभावी माना जाता है। पहला, चौथा, सातवां और दसवां केंद्र भाव होता है। इसके बाद शुक्र और चंद्रमा का दोष आता है। उपरोक्त दोष केवल शुभ ग्रहों अर्थात बृहस्पति ग्रह, बुध ग्रह, चंद्रमा ग्रह और शुक्र ग्रह पर लागू होता है। यह शनि, मंगल, और सूर्य जैसे ग्रहों पर लागू नहीं होता है। इस दोष की वजह से व्यक्ति को करियर से संबंधित परेशानियां जैसे नौकरी जाना, व्यापार में दिक्कतें, पढ़ाई से संबंधित परेशानी, शिक्षा की हानि आदि परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।
दोष निवारण के ज्योतिषीय उपाय — Kendradhipati dosh ke upay
– मंदिर में प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करें।
– प्रतिदिन 21 बार ॐ नमो नारायण का जाप करें।
– रोजाना 11 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
गुरु चांडाल दोष (Guru chandal Dosh) —
सबसे बड़े नकारात्मक दोषों में से एक दोष ‘गुरु-चांडाल’ दोष है। अगर कुंडली में राहु बृहस्पति एक साथ हों तो यह दोष बन जाता है। कुंडली में कहीं भी यह दोष बनता हो हमेशा नुकसान ही करता है। अगर यह लग्न, पंचम या नवम भाव में हो तो विशेष नकारात्मक होता है। गुरु-चांडाल दोष का अगर समय पर उपाय न किया जाए तो कुंडली के तमाम शुभ योग भंग हो जाते हैं। अक्सर यह दोष होने से व्यक्ति का चरित्र कमजोर होता है। इस योग के होने से व्यक्ति को पाचन तंत्र, लिवर की समस्या और गंभीर रोग होने की सम्भावना बनती है। ऐसे व्यक्ति फिजूलखर्ची में या इधर-उधर धन खर्च कर देते हैं और अपने भविष्य के बारे में ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं।
दोष निवारण के ज्योतिषीय उपाय Guru chandal Dosh ke upay
– गायत्री मंत्र का जाप करें।
– प्रतिदिन सुबह और शाम के समय 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।
– भगवान विष्णु की उपासना करें और बृहस्पति ग्रह की प्रत्येक गुरुवार पूजा करें।
– गुरुवार के दिन गायों को और जरूरतमंद लोगों को चना दाल और गुड़ का दान करें।
– चांडाल दोष पूजा कराएं।
– प्रतिदिन 108 बार ‘ॐ गुरुवे नमः’ मंत्र का जाप करें।
– ‘ॐ राहवे नमः’ मंत्र का 108 बार प्रतिदिन जाप करें।
पितृ दोष (Pitru Dosh) — (Pitru Dosh ke upay )
ऐसा कहते हैं कि व्यक्ति के पितरों के प्रसन्न न होने पर यह दोष होता है। पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध न करने, श्राद्ध कर्म में भाग न लेने और अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ नहीं करने से ये दोष हावी होकर जीवन में विभिन्न समस्याएं पैदा करता है। कुंडली में राहु के साथ सूर्य का संयोजन हो या केतु के साथ सूर्य ग्रह का संयोजन होने पर भी पितृ दोष की स्थिति बनती है। इसके होने से जीवन में विकास रुक जाता है। ऐसे व्यक्तियों की या तो नौकरी लगती नहीं है या लगती है तो बहुत ही कम वेतन वाली। ऐसे व्यक्तियों की धन हानि होने लगती है।
दोष निवारण के ज्योतिषीय उपाय —
– रोजाना कौवों व पक्षियों को खाना खिलाएं।
– काशी और गया अवश्य जाएं और वहां अपने दिवंगत पूर्वजों का तर्पण करें।
– पूरे नियम और विधि विधान के साथ किसी विद्वान ज्योतिषी से पितृ दोष निवारण पूजा कराएं।
– अमावस्या के दिन सफेद गाय को सुबह हरी घास चढ़ाएं और उनका आशीर्वाद लें। ऐसा करने से आपको पितृदोष की समस्या का समाधान प्राप्त होगा।
नोट — इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता।