Damoh Scandal Mission Hospital license suspended: दमोह कांड के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 16 अप्रैल, बुधवार को मिशन अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है। विभाग ने प्रबंधन को 3 दिन में अस्पताल खाली करने के निर्देश दिए है। मरीजों को रेफर करने के निर्देश दिए। ताकि अस्पताल को सील किया जा सके। 6 अप्रैल को दमोह के मिशन अस्पताल का कांड उजागर हुआ था।
3 दिन में मरीज रेफर कर खाली करें अस्पताल
दमोह कांड (Damoh Kand) के बाद से एमपी के अधिकांश जिलों में स्वास्थ्य विभाग सख्त शुरू कर चुका है। भोपाल (Bhopal), रतलाम (Ratlam), सागर (Sagar) सहित प्रदेशभर के जिलों में संचालित बिना रजिस्ट्रेशन (registration) अस्पतालों को सील किया जा रहा है। बुधवार को दमोह स्वास्थ्य विभग ने टेक्निशीयन नहीं होने का हवाला देकर अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड (license suspended) कर दिया। अस्पताल प्रबंधन को 3 दिन में मरीजों को रेफर करने के निर्देश दिए। जिसके बाद उसे खाली सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
देवरी-बिना में क्लीनिक पर एसडीएम-बीएमओ का छापा
इधर सागर जिले के देवरीकलां और बिना क्षेत्र में एसडीएम, बीएमओ और पुलिस की संयुक्त टीम ने झोलाछाप क्लीनिकों (clinic) पर छापा मार कार्रवाई की। इन दोनों क्षेत्रों में अवैध रूप से संचालित दो क्लीनिकों को सील कर दिया गया। जिसके बाद बाकी झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक बंद कर भाग गए।
फर्जी तरीके से इलाज करने की मिली थी शिकायतें
देवरी एसडीएम (SDM) भव्या त्रिपाठी ने बताया कि देवरी में पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने बस स्टैंड (bus stand) पर स्थित फर्जी बंगाली डॉक्टर समीर विश्वास की क्लीनिक (clinic) को सील किया है। लंबे समय से शिकायतें मिल रही थी कि यहां फर्जी तरीके से इलाज किया जा रहा था। टीम ने पंचनामा (Panchnama) बनाकर क्लीनिक को सील कर दिया। कार्रवाई के बाद झोलाछाप डॉक्टर (doctor) को नोटिस चस्पा किया।
कंपाउंडर भागा तो एलोपैथिक दवाईयां जब्त की
देवरीकलां में नायब तहसीलदार चंद्रभान दीवान ने संयुक्त टीम के साथ बस स्टैंड स्थित डॉक्टर समीर विश्वास की क्लीनिक पर छापा मारा। जहां डॉक्टर समीर विश्वास नदारद मिले। कंपाउंडर टीम को देखकर भाग गया। टीम ने पंचनामा बनाकर कार्रवाई की और मौजूद एलोपैथिक दवाइयां (Allopathic medicines) जब्त की। कार्रवाई में मेडिकल ऑफिसर डॉ. पराग, डॉ. अवधेश लोधी सहित पुलिस बल मौजूद रहा।
झोलाछाप पर दर्ज करेंगे एफआईआर
एसडीएम भव्या त्रिपाठी ने कहा कि लगातार जिलेभर के फर्जी क्लीनिक और अस्पतालों के संचालन को रोका जाएगा। जिनके पास रजिस्ट्रेशन (without registration ) नहीं है, उन्हें सीएमएचओ (CMHO) कार्यालय से रजिस्ट्रेशन करवाएंगे। जो झोलाछाप डॉक्टर है, उन पर एफआईआर (FIR) तक दर्ज की जाएगी।
दमोह कांड से फर्जी अस्पतालों पर सख्ती शुरू
बता दें कि दमोह के मिशन अस्पताल में फर्जी नाम से डॉ. एन जोन केम (Dr. N John Kem) ने 15 ऑपरेशन (operation) किए थे। जिसमें से करीब 7 लोगों की मौत (7 people died) हो गई थी। जब मृतक के परिजन ने शिकायत की तो इस मामले का खुलासा हुआ। जिसके बाद से पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया।
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