दमोह उपचुनाव: जानिए कौन हैं भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी, क्या है उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि

भोपाल। दमोह विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। यहां से राहुल सिंह लोधी भाजपा के उम्मीदवार होंगे। ऐसे में आज हम आपको उनके बारे में बताएंगे कि वे हैं कौन और उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि क्या है।
इस सीट पर 17 अप्रैल को होंगे चुनाव
दरअसल, राहुल सिंह लोधी भाजपा से पहले कांग्रेस में थे और साल 2018 में जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। लेकिन उन्होंने 25 अक्टूबर 2020 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी का दामन थाम लिया। उनके इस्तीफे के बाद से ही ये सीट खाली है और अब 17 अप्रैल को यहां चुनाव होने हैं। जिसके नतीजे 2 मई को आएंगे।
खास है ये चुनाव
दमोह विधानसभा सीट कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए बेहद ही जरूरी है। कांग्रेस इस सीट को जीतकर हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव का बदला लेना चाहती है, तो वहीं भाजपा इस सीट को जीतकर अपने लय को बरककार रखना चाहती है। इस सीट को लेकर सबसे खास बात ये है कि इसे केंद्रीय मंत्री और दमोह से सांसद प्रह्लाद सिंह पटेल और पूर्व राज्य मंत्री जयंत मलैया के बीच छद्म युद्ध के तौर पर देखा जा रहा है।
कौन हैं राहुल लोधी
राहुल सिंह लोधी पहली बार दमोह विधानसभा सीट से 2018 में विधायक चुने गए थे। उन्होंने लगातार 7 बार से विधायक रहे भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया को महज 789 वोटों से हराया था। लेकिन प्रदेश में 15 महीने बाद ही कांग्रेस की सरकार गिर गई। ऐसे में राहुल सिंह लोधी ने भी कांग्रेस के अन्य विधायकों की तरह अपने पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए। राहुल लोधी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले कुल 26 लोगों में आखिरी शख्स थे। राहुल लोधी को खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी।
कांग्रेस छोड़ने पर राहुल लोधी ने क्या कहा था
भाजपा में शामिल होने के बाद राहुल लोधी ने कहा था कि उन्हें कांग्रेस की सरकार में नजरअंदाज किया जा रहा था। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से कई बार अनुरोध किया था कि विधानसभा चुनाव के दौरान जो वादा किया था कि दमोह में मेडिकल कॉलेज लेकर आएंगे उसे पूरा किया जाए। लेकिन इस पर कमलनाथ ध्यान नहीं दे रहे थे। इस कारण से लोधी खुद को जनता के सामने छला हुआ महसूस कर रहे थे।
राहुल लोधी को भाजपा में लाने के लिए ऐसे तैयार की गई थी जमीन
राहुल लोधी को भाजपा में शामिल कराने के लिए सबसे बड़ा हाथ बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती का माना जाता है। उमा भारती ने सबसे पहले जून 2020 में प्रद्युम्न सिंह लोधी को पार्टी में लाने के लिए बात की थी। इस दौरान उमा भारती ने राहुल से भी बात की थी। लेकिन तब राहुल लोधी से हारे जयंत मलैया इसके लिए तैयार नहीं थे। लेकिन इसके बाद सितंबर 2020 के पहले हफ्ते में मंत्री भूपेंद्र सिंह सागर में राहुल से मिले। भूपेंद्र सिंह के बारे में जानकार मानते हैं कि वे मलैया के विरोधी हैं। इस कारण से वे राहुल को पार्टी में शामिल करवाना चाहते थे। भोपाल में राहुल सिंह लोधी और भूपेंद्र सिंह के बीच करीब आठ बार मुलाकात हुई। इसके बाद जैसे ही बात बनी राहुल को कांग्रेस से इस्तीफा दिला कर भाजपा में शामिल करा दिया गया।