Damoh Upchunav 2021: भाजपा-कांग्रेस के लिए दमोह उपचुनाव बना प्रतिष्ठा का प्रश्न, दोनों पार्टियों ने उतारीं साध्वियां…

दमोह। प्रदेश की दमोह विधानसभा सीट पर 17 अप्रैल को उपचुनाव होना है। इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने यहां अपनी-अपनी ताकत झोंक रखी है। दोनों ही दलों के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। यही वजह है कि दोनों पार्टियां किसी भी तरह की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। जहां भाजपा ने यहां दो-दो मंत्रियों को चुनाव का प्रभारी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने भी इस सीट पर दर्जनों विधायक उतार रखे हैं। मामला जातिगत समीकरण साधने के हों या फिर बूथ प्रबंधन का सभी में पूरी ताकत झोंकी जा रही है। भाजपा ने यहां से राहुल लोधी को प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने यहां से अजय टंडन को जिम्मेदारी सौंपी है।
भाजपा ने इस सीट पर अपनी फायर ब्रांड नेता साध्वी उमा भारती को चुनाव प्रचार के लिए उतार दिया है। तो वहीं कांग्रेस ने इसकी रणनीति के तहत साध्वी रामसिया भारती को स्टार प्रचारक बनाया है। इन दोनों ही नेत्रियों की खासियत यह है कि दोनों एक ही जाति वर्ग (लोधी) से आती हैं। साथ ही दोनों धार्मिक प्रवत्ति के प्रवचनों के लिए जानी जातीं हैं। बता दें कि राहुल लोधी को उमा भारती का खास माना जाता है। जानकारी के मुताबिक यह भी कहा जाता है कि राहुल लोधी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में उमा भारती के कहने पर ही शामिल हुए थे।
कांग्रेस का चक्रव्यूह भाजपा के लिए खतरा…
बता दें कि यहां भाजपा के प्रदेशअध्यक्ष वीडी शर्मा लगातार यहां डेरा जमाए हुए हैं। यहां दोनों ही दलों के प्रमुख नेता लगातार डेरा जमाए हुए हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर ऐसा चक्रव्यूह रचा है जो भाजपा के लिए फिलहाल खतरा बना हुआ है। भाजपा ने इस सीट पर राम का कार्ड चला है। इसी को देखते हुए कांग्रेस ने भी साध्वी रामसिया भारती को यहां स्टार प्रचारक के तौर पर उतारा है। साथ ही वह पड़ोस के क्षेत्र की रहने वालीं हैं। इसलिए इस क्षेत्र में रामसिया का काफी प्रभाव भी है। इस विधानसभा क्षेत्र में 12 फीसदी लोधी समाज के मतदाता हैं।
यह मतदाता पूर्व में भाजपा के समर्थन में मतदान करते रहे हैं। लेकिन पिछले विधानसभा में कांग्रेस ने राहुल लोधी को मैदान में उतारा था, राहुल खुद भी इसी समाज से आते हैं इसलिए उन्हें इन मतदाताओं का समर्थन मिला था। यही वजह रही थी कि भाजपा के दिग्गज नेता और सात बार के विधायक जयंत मलैया को यहां से पराजित होने पर मजबूर होना पड़ा था। इसी कारण कांग्रेस ने लोधी मतदाताओं को साधने के लिए रामसिया भारती के अलावा इस सीट पर साधना भारती और प्रताप लोधी को उनके समुदाय वाले इलाकों में प्रचार का जिम्मा सौंपा है। साथ ही रामसिया भारती को उमा भारती की काट के रूप में भी देखा जा रहा है।