भोपाल। 17 अप्रैल को होने वाले दमोह विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रदेश के सभी बड़े नेता सियासी समीकरणों को साधने के लिए मैदान में कूद गए हैं। लेकिन अबतक ज्योतिरादित्य सिंधिया दमोह उपचुनाव को लेकर कहीं भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। सुत्रों की मानें तो सिंधिया की तरफ से अभी ये साफ नहीं किया गया है कि वो चुनावी दौरा करेंगे या नहीं।
प्रखर वक्ता की जगह जातीय समीकरण को देख रही है पार्टी
वहीं इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो पार्टी ने दमोह में प्रखर वक्ता और आकर्षक व्यक्तित्व की जगह जातीय समीकरणों को साधने वाले नेताओं पर ज्यादा ध्यान दिया है। यही कारण है कि ब्राह्मण, लोधी, दलित, आदिवासी, यादव, जैन, सिंधी समाज के वोटों को अपने पाले में करने के लिए केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह और खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पूरी ताकत झोंक रखी है।
सिंधिया समर्थकों का क्या कहना है
वहीं सिंधिया समर्थकों का मानना है कि दमोह सीट बीजेपी आसानी से जीत जाएगी। इस कारण से ज्योतिरादित्य सिंधिया दमोह में चुनाव प्रचार करने नहीं जा रहे हैं। हालांकि विश्लेषक मान रहे हैं कि दमोह सीट भाजपा के लिए उतनी आसान नहीं है, यहां कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन और भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी के बीच कड़ी टक्कर है। इस कारण से पार्टी ने दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया से ज्यादा जातीय समीकरण साधने वाले नेताओं को बेहतर समझा है।
सिंधिया के प्रवक्ता ने क्या कहा
सुत्रों की मानें तो सिंधिया पार्टी के इस रवैये से नाराज भी चल रहे हैं। क्योंकि दमोह में चुनाव प्रचार खत्म होने में महज 8 दिन बचे हैं, लेकिन पार्टी ने अब तक उनसे प्रचार के लिए पूछा तक नहीं है। ऐसे में अब वो दमोह नहीं जाना चाहते। हालांकि सिंधिया के प्रवक्ता रहे पंकज चतुर्वेदी इन बातों से इंकार करते हैं। उनका कहना है कि भाजपा का कल्चर और उसकी रीति-नीति अन्य पार्टियों से बिल्कुल अलग है। यहां सभी नेताओं को उनकी जिम्मेदारी सौंपी जाती है, वे इसका निर्वहन करते हैं।
संभवत: इस दिन दमोह जा सकते हैं सिंधिया
वहीं दमोह जाने को लेकर उन्होंने कहा कि अभी कुछ साफ नहीं है। लेकिन संभवत: सिंधिया 11, 12 और 13 अप्रैल को दमोह में प्रचार के लिए जा सकते हैं। साथ ही, बंगाल चुनाव के लिए अब तक कोई कार्यक्रम तय नहीं किया गया है। लेकिन जैसे केंद्रीय स्तर पर उनका कार्यक्रम तय किया जाएगा, वे निश्चित रूप से बंगाल में चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे।