हाइलाइट्स
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कर्मचारियों की छटनी कर रहा वन विभाग
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कर्मचारियों के लिए बजट नहीं किया जारी
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लिस्ट के आधार पर वेतन का बजट दिया
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। राजधानी रायपुर में बजट का हवाला देते हुए 500 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की छटनी की गई है।
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामकुमार सिन्हा के मुताबिक छटनी में 8 से 10 साल काम कर चुके कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं।
CG News: रायपुर में दैनिक वेतन भोगियों को बड़ा झटका- बजट का हवाला देकर हो रही छटनी, 500 कर्मचारियों को निकालने की तैयारी@vishnudsai @ArunSao3#cgnews #chhattisgarhnews #raipurnews pic.twitter.com/aNTG7pclTM
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 24, 2024
बता दें कि इन 500 दैनिक वेतन भोगियों की छटनी वन विभाग छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के द्वारा की जा रही है।
अब इन कर्मचारियों के परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इस छटनी से छत्तीसगढ़ वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में भी आक्रोश है।
उग्र आंदोलन करेगा संघ
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) वन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की छटनी को लेकर संघ ने वित्तमंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की है।
वित्त्तमंत्री को अपनी पांच मांगों को लेकर ज्ञापन दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार एक ओर नियमितीकरण की बात कर रही है।
वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों की छटनी की जा रही है। अगर इस फैसले के खिलाफ उचित कदम सरकार के द्वारा नहीं उठाए गए तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
इसलिए की जा रही कर्मचारियों की छटनी
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी (Daily Wage Forest Worker) संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामकुमार सिन्हा ने बताया कि छटनी में 8 से 10 साल काम कर चुके कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं।
श्रमायुक्त वित्त विभाग में निर्देश जारी किया था कि जिनको श्रमयुक्त दर से वेतन भुगतान हो रहा है उन्हें 4000 सम्मान राशि देना है, लेकिन यहां मुख्य वन संरक्षक के द्वारा निर्देश जारी किया गया है कि जाबदर संविदा में कार्यरत है उनको 4000 सम्मान राशि दे रहे हैं।
जिसके कारण बजट की कमी हो रही है। इसके चलते कर्मचारियों की छटनी की जा रही है।
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उग्र आंदोलन की तैयारी में संघ
(Chhattisgarh News) दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारियों की संख्या में कटौती की जा रही है। लगभग 500 कर्मचारियों को हटाया जा रहा है।
ये वे कर्मचारी हैं, जिनको विभाग में करीब 10 साल तक हो गए हैं। अब इन कर्मचारियों के सामने अपने परिवार के पालन पोषण के लिए आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
वित्त मंत्री को इस संबंध में ज्ञापन दिया गया है। सरकार के द्वारा इस पर उचित निर्णय नहीं लिया गया तो दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ उग्र आंदोलन करेगा।
हटाने के निर्देश नहीं पर काम नहीं करा रहे
बताया जा रहा है कि रायपुर मंडल में एक हजार से ज्यादा दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी (Daily Wage Forest Worker) हैं। इनमें से लगभग 300 से 500 कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं।
इसी तरह महासमुदं (Chhattisgarh News) में कुल 225 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें से केवल 67 कर्मचारियों के वाउचर बनाने के लिए ऊपर से मंडल के कर्मचारियों को कहा गया है।
हालांकि इसको लेकर कोई दिशा-निर्देश जारी रही किए गए हैं। अंदरूनी तौर पर कर्मचारियों को बिना बताए हटाया जा सकता है।
ऐसा इसलिए ये कर्मचारी मान रहे हैं, क्योंकि जिनके नाम से वाउचर नहीं बनेंगे, उन्हें वेतन नहीं मिलेगा और उनकी छटनी हो सकती है।