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हाइलाइट्स
कृषि मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट से हटाई स्वामीनाथन की रिपोर्ट
कृषि में महत्वपूर्ण योगदान के लिए केंद्र ने उन्हें भारत रत्न देने का ऐलान किया
रिपोर्ट में किसानों के लिए MSP देने की बात भी है शामिल
DA & FW Removes Swaminathan Report: केंद्र सरकार ने हाल ही में कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया है. वहीं उनकी लिखी हुई रिपोर्ट को कृषि मंत्रालय की वेबसाइट से हटा लिया गया है. खास बात ये है कि स्वामीनाथन को कृषि में महत्वपूर्ण कार्यों के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है जबरि किसानों के हित की बात करने वाली उनकी रिपोर्ट को मंत्रालय ने हटा दिया है. रिपोर्ट हटाने के पीछे किसान आंदोलन को भी एक वजह माना जा रहा है.
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पहले वेबसाइट पर मौजूद थे रिपोर्ट के सभी पार्ट
कृषि मंत्रालय की वेबसाइट से रिपोर्ट हटने के पहले तक स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के सभी खंड मौजूद थे. बता दें स्वामीनाथन ने ये रिपोर्ट राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष के पद पर रहते हुए लिखी थी. कृषि मंत्रालय की वेबसाइट से रिपोर्ट हटाए (DA & FW Removes Swaminathan Report) जाने की खबर ऐसे समय पर आई है, जब दिल्ली में किसान एमएसपी पर कानून समेत अपनी तमाम मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की एक मांग ये भी है कि उनकी फसलों की कीमत स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक तय की जानी चाहिए.
क्या है स्वामिनाथन रिपोर्ट
नवंबर 2004 में यूपीए की सरकार ने 'नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स' के नाम से कमेटी गठित की थी. जिसके अध्यक्ष एम.एस. स्वामीनाथन थे. स्वामीनाथन को 'हरित क्रांति' का जनक कहा जाता है. उन्होंने ही भारत में कृषि की प्रोडेक्टिविटी बढ़ाने के लिए उन्होंने एक रिपोर्ट पेश की थी. जो स्वामीनाथन रिपोर्ट कहलाती है. हालांकि इस रिपोर्ट को अभी तक लागू नहीं किया गया है.
कब और कैसे तैयार हुई रिपोर्ट
प्रोफेसर एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में 2004 में राष्ट्रीय किसान आयोग (NCF) का गठन किया गया. NCF ने 2004 और 2006 के बीच पांच रिपोर्ट पेश कीं. इन रिपोर्टों को स्वामीनाथन रिपोर्ट के नाम से जाना जाता है. रिपोर्ट में सबसे अहम एमसपी का सी-50 फार्मूला है. इसका मतलब है किसानों की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उनकी फसल की औसत लागत से कम से कम 50 प्रतिशत ज्यादा हो.
रिपोर्ट की मुख्य बातें
देश में खाद्य और न्यूट्रिशन सिक्योरिटी के लिए रणनीति बनाई जानी चाहिए
कृषि प्रणालियों की उत्पादकता और स्थिरता में और सुधार किया जाए
शुष्क भूमि के साथ-साथ पहाड़ी और तटीय क्षेत्रों में खेती के लिए कार्यक्रम तैयार किए जाएं
कृषि उत्पादों और साधनों की क्वालिटी और लागत में सुधार किया जाए
वैश्विक कीमतें गिरने पर किसानों को आयात से बचाया जाए
गुणवत्ता वाले बीज किसानों को कम दामों पर उपलब्ध हों
किसानों को मिलने वाले कर्ज का फ्लो बढ़ाने के लिए सुधार हो
किसानों की फसलों के लिए बीमा किया जाए.
किसानों के लिए कृषि जोखिम फंड बनाया जाए. जो आपदा के समय किसानों को राहत दे. इससे आत्महत्या के मामलों में कमी आएगी.
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