हाइलाइट्स
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इंदौर में CBI बताकर की फर्जी डिजिटल गिरफ्तारी
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डॉक्टर को 53 घंटे वीडियो कॉल पर रख ठगे लाखों
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डॉक्टर को विदेश भेजे गए पार्सल के नाम पर डराया
Cyber Crime: इंदौर क्राइम ब्रांच में डिजिटल हाउस अरेस्टिंग ठगी का एक नया मामला सामने आया है, जहां ठगो ने खुद को CBI बताकर एक डॉक्टर दंपती की फर्जी डिजिटल गिरफ्तारी कर साइबर फ्रॉड का शिकार बना लिया। आरोपियों ने अनजान नंबर से वीडियो कॉल कर 53 घंटे कॉल से हटने नहीं दिया। इसके साथ ही बदमाशों ने लाखों रुपए की ठगी भी की।
इंदौर में CBI बनकर की फर्जी डिजिटल गिरफ्तारी: डॉक्टर को 53 घंटे वीडियो कॉल पर रख ठगे लाखों, ये बोले साइबर एक्सपर्टhttps://t.co/jkWv3NDFlc#indore #cbi #cyberfraud #digitalhouse #doctor #arrest #cyberexpert #videocall #latestnews #hindinews #bansalnewsmpcg pic.twitter.com/uUvf0kjcAc
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) April 16, 2024
53 घंटे वीडियो कॉल से नहीं हटने दिया
आपको बता दें कि आरोपियों ने डॉक्टर की ऑनलाइन जानकारी निकालकर अनजान नंबर से कॉल किया। इसके बाद वीडियो कॉल से 53 घंटे तक हटने नहीं दिया।
आरोपी डॉक्टर दंपती को विदेश में भेजे गए पार्सल के नाम पर डराते रहे। इसके साथ ही बदमाशों ने 8.50 लाख रुपए भी ठग लिए।
साइबर ठगी कैसे हुई?
इंदौर के राऊ इलाके में रहने वाले एक डॉक्टर दंपति को रविवार 7 अप्रैल दोपहर में मुंबई के अनजान नंबर से कॉल आया।
डाक्टर दंपति को कॉल पर बताया कि जो पार्सल आपके द्वारा थाईलैंड में फाइनेंस इंटरनेशनल करियर सर्विस भेजा गया था, उसमें MDM ड्रग्स मौजूद है।
इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं, जिसमें ह्यूमन ट्रैफिकिंग, छोटे बच्चों के ऑर्गन तस्करी जैसे अपराधों (Cyber Crime) में आपको फंसाया जा रहा है।
वीडियो कॉल पर बयान दर्ज करने का कहा
डॉक्टर से कहा गया कि इसके लिए आपको CBI मुंबई ऑफिस आना पड़ेंगा। जब दंपति डॉक्टर ने मुंबई जाने से मना किया तो जालसाजो ने डॉक्टर को वीडियो कॉल पर बयान दर्ज करने को कहा। ठगों ने कहा कि CBI मुंबई से आपके पास वीडियो कॉल आएगा।
इसके बाद डॉक्टर को स्काइप ID से वीडियो कॉल आया, जिस पर वर्दी में मौजूद एक CBI ऑफिसर के साथ ऑफिसर वीडियो कॉल पर दिख रहे थे।
ठगों ने 53 घंटे तक डिजिटल हाउस अरेस्ट रखकर डॉक्टर दंपति को (Cyber Crime) अलग-अलग गंभीर धाराओं में फंसाने को लेकर डराया।
डॉक्टर से ठगे 8 लाख 50 हजार
इसके साथ ही कई तरह के टैक्स और चार्ज के नाम पर पैसों की भी मांग की गई। इतना ही नहीं ठगो (Cyber Crime) नें RBI से भी इन्वेस्टिगेशन के नाम पर एक अलग से वीडियो कॉल किया।
घबराए डॉक्टर दंपति ने 8 लाख 50 हजार रूपये साइबर ठगों (Cyber Crime) के खातों में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद डॉक्टर दंपति से और पैसों की मांग की, लेकिन डॉक्टर दंपति ने जब अपने दोस्तों से जानकारी ली तो पता चला कि उन्हें ठगी का शिकार बनाया गया है। इसके बाद डॉक्टर दंपति ने घटना की पूरी जानकारी पुलिस को दी।
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ऐसे बचें साइबर फ्रॉड से
ऐसे फर्जी कॉल्स ज्यादातर +92 से आते हैं। ऐसे नंबर अन्य कंट्री का होता है। जिनका इस्तेमाल ठग किसी एप के माध्यम से वर्चुअली इंडिया से बैठे-बैठे भी कर सकते हैं। एप के जरिए कोई आपके नंबर का इस्तेमाल कर सकता है।
साइबर (Cyber Crime) की टेक्निकल टीम इसके लिए काम करती है। किस कंपनी से कॉल कनेक्ट किया गया है, इसकी जानकारी निकाली जाती है। जिसके बाद नंबर और एप की जानकारी निकलकर सामने आती है।
हालांकि इस तरह के कॉल करने वाले वर्चुअल एप इंडिया में बैन हैं, लेकिन यह किसी भी वेबसाइट से अमाउंट देकर खरीदे जा सकते हैं। ऐसे एप से भी साइबर (Cyber Crime)पुलिस जानकारी निकाल सकती है।
ठगी करने वाले भय, लालच और अज्ञानता के जरिए लोगों को टारगेट करते हैं। इसके साथ ही डराया धमकाया जाता है, इससे बचना चाहिए।
हालांकि खुद को ED, CBI और RBI के अफसर बताने वाले डॉक्टर दंपती के सामने नहीं बैठे थे, लेकिन डराकर कमजोर कर ठगी (Cyber Crime) का शिकार बना लिया
दूर बैठकर अपनी बातों के जरिए ही डर का ऐसा माहौल बनाया जाता है कि लोग (Cyber Crime) फंस जाते हैं। इसके साथ ही हमारे द्वारा कहीं ना कहीं इंटरनेट और सोशल मीडिया पर जानकारियां डाली जाती हैं, जिन्हें इकट्ठा कर डराकर ठगी करना आसान हो जाता है। इससे बचा जाए।
पूरे देशभर की पुलिस और संस्थाएं कभी भी आपको ऑनलाइन FIR नहीं दिखाती। ऐसा आज तक के किसी केस में नही हुआ। इसलिए अपने खिलाफ ऑनलाइन FIR देखकर घबराएं नहीं। अगर आपने कभी भी, किसी तरह का फ्रॉड नहीं किया है, तो ऐसा होने पर तत्काल डायल 100 या अन्य नजदीकी पुलिस स्टेशन पहुंचकर जानकारी दे सकते हैं।
किसी भी संस्था के अफसर को ऑनलाइन कार्ड दिखाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। डिजीटल अरेस्टिंग साइबर फ्रॉड (Cyber Crime) का सिर्फ एक वर्ड है। ज्यादातर गिरफ्तारी फिजिकल ही होती है। जिसमें संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के साथ या तो लोकल पुलिस होगी या आपका वारंट होगा। ये एक तरह का फ्रॉड ही है। इस मामले में साइबर पुलिस कई बार एडवाइजरी भी जारी कर चुकी है।
ठग एक से ज्यादा करंट अकाउंट में रुपए ट्रांसफर करते हैं, जो कि ऑनलाइन होते हैं। इसके लिए अकाउंट किराए से लिए जाते हैं। इसमें आपको ठगी की जानकारी लगे तो तुरंत 1930 पर कॉल करें।