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Chattisgarh Bore-Basi Recipe: छत्तीसगढ़ पूरे देश में चावल के उत्पादन के लिए मशहूर है. साथ ही छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए रायपुर पॉपुलर है. लेकिन खास तौर पर प्रदेश में बोरे बासी सबसे ज्यादा फैमस हैं.
अब आप बोरे-बासी नाम सुनकर सोच रहें होंगे कि यह कैसी डिश है. आको बता दें छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से आदिवासी का पहला भोजन बोरे-बासी होता है. हाल ही में मजदूर दिवस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने मजदूरों के साथ बोरे-बासी खाया था.
इतना ही नहीं इस छत्तीसगढ़िया डिश विटामिन बी12 से भरपूर होता है जो आपके ब्लड और हाइपरटेंशन को कंट्रोल में रखता है. आज हम आपको इस फेमस छत्तीसगढ़िया डिश की आसान रेसिपी बताएंगे.
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कैसे बनाएं बोरे बासी
क्या चाहिए
आपको बोरे बासी बनाने के लिए आपको 2 कप पके हुए चावल, 1 (बारीक कटा हुआ) प्याज, 2-3 (बारीक कटी हुई) हरी मिर्च, 1 (रस निकाल लें) नींबू, नमक स्वादानुसार, हरा धनिया 2 टेबलस्पून (कटा हुआ)
चावल भिगोना
पके हुए चावल को एक बड़े बर्तन में डालें।
चावल में इतना पानी डालें कि वह पूरी तरह से डूब जाए।
इस मिश्रण को ढककर रातभर या कम से कम 8 घंटे के लिए छोड़ दें। इसे ‘बासी’ कहा जाता है।
बासी तैयार करना
अगले दिन, बासी चावल को हिलाएं और चेक करें कि वह पूरी तरह से नरम हो गया हो।
तड़का लगाना
एक पैन में थोड़ा सा तेल गर्म करें।
इसमें बारीक कटी प्याज और हरी मिर्च डालें और सुनहरा होने तक भूनें।
बोर बासी तैयार करना
भुने हुए प्याज और हरी मिर्च को बासी चावल में मिलाएं।
इसमें नमक और नींबू का रस डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
कटा हुआ हरा धनिया डालें और एक बार फिर मिलाएं।
ऐसे परोसें
तैयार बोर बासी को प्याले में निकालें और परोसें। बोरे बासी का स्वाद बढ़ाने के लिए इसे अचार या चटनी के साथ भी खाया जा सकता है। यह डिश गर्मियों में विशेष रूप से ताजगी देती है और पाचन के लिए भी अच्छी मानी जाती है।
बोरे बासी के फायदे
बोरे बासी खाने से पाचन क्रिया सही होती है।
शरीर में ठंडकता बना रहता है।
बोरे बासी में विटामिन बी 12, कैल्शियम, पोटेशियम जैसे पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।
हृदय रोग, त्वचा रोग, डायरिया जैसे अनेक रोगों से लड़ने की क्षमता होती है।
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