CRPF Sthapana Diwas 2024: भारत में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सबसे बड़ा सुरक्षा बल है। यह पूरे देश में अलग-अलग तरह की आतंकवाद से लड़ता है। यह अंदरूनी आतंकवाद, उग्रवाद समेत अन्य मोर्चे पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका उद्देश्य ही देश से आतंकवाद को खत्म करना था और है।
बता दें कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) 27 जुलाई 2024 को अपना 86वां स्थापना दिवस (CRPF Sthapana Diwas 2024) मना रहा है। यह सबसे महत्वपूर्ण दिन हम सब के लिए हमारे देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा में बल के महत्वपूर्ण और बेजोड़ योगदान का सम्मान करने के लिए भी मनाया जाता है। यह बल गृह मंत्रालय के अधीनस्थ रहकर काम करता है।
आंतरिक सुरक्षा के लिए प्रमुख बल
बता दें कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) आंतरिक सुरक्षा के लिए भारत संघ का प्रमुख केंद्रीय पुलिस बल माना जाता है। मूल रूप से 1939 में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में इसका गठन (CRPF Sthapana Diwas 2024) हुआ था। यह सबसे पुराने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में से एक की श्रेणी में आता है।
मध्य प्रदेश में थी दो बटालियन
बता दें कि सीआरपीएफ की स्थापना (CRPF Sthapana Diwas 2024) क्राउन प्रतिनिधि की बढ़ती इच्छा के बाद भारत की तत्कालीन रियासतों में राजनीतिक अशांति और आंदोलन के चलते की गई थी। जिसका उद्देश्य शांति स्थापित करना था। सीआरपीएफ की स्थापना 27 जुलाई 1939 को सीआरपी (क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस) से हुई थी।
इसकी दो बटालियन नीमच (अर्थात उत्तर भारतीय घुड़सवार तोपखाना और घुड़सवार सेना मुख्यालय) एमपी में थीं। उस समय इसका प्राथमिक कर्तव्य भारत के संवेदनशील राज्यों में ब्रिटिश निवासियों की सुरक्षा करने का था।
इसके बाद 1949 में सीआरपीएफ अधिनियम के तहत सीआरपी का नाम बदलकर सीआरपीएफ कर दिया गया है। इसके बाद 1960 के दशक के दौरान कई राज्य रिजर्व पुलिस बटालियनों को सीआरपीएफ में विलय किया है।
नक्सलवाद को खत्म करने प्रहार
देश के कई हिस्सों में नक्सलवाद फैला हुआ है। नक्सलवाद पर अब आखिरी प्रहार करने की तैयारी सीआरपीएफ (CRPF Sthapana Diwas 2024) ने की है। देश का सबसे बड़ा केंद्रीय सुरक्षा बल सीआरपीएफ और संबंधित राज्य की पुलिस फोर्स, अब इसी राह पर आगे की ओर अग्रसर हैं।
नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की इस लड़ाई में सीआरपीएफ एवं इसकी विशेष प्रशिक्षित इकाई कोबरा की अहम भूमिका निभा रही है। सीआरपीएफ के महानिदेशक ने साफ कर दिया कि देश में नक्सलवाद अब अधिक समय तक नहीं टिकेगा।
31 नए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस बने
नक्सवाल को खत्म करने के लिए धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलवाद पर आखिरी प्रहार करने 31 नए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस की स्थापना (CRPF Sthapana Diwas 2024) की गई है। इनमें से एक कैंप कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा के गांव पुवर्ती छत्तीसगढ़ में भी स्थापित किया गया है।
देश में प्रभावित जिलों की संख्या 58
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल एक जानकारी साझा की थी। इसमें वामपंथी (CRPF Sthapana Diwas 2024) चरमपंथ (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित 10 राज्यों की व्यापक समीक्षा की गई थी। इस बैठक में विशेष वित्त पोषण योजना वाले जिलों की सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) को लेकर विमर्श किया था।
गृह मंत्रालय के अनुसार देश में माओवादी चरमपंथ प्रभावित जिलों की संख्या 72 से घटकर अब 58 बची है। केंद्र और राज्यों की ओर से सुरक्षा और विकास से संबंधित उठाए जा रहे कदमों की वजह से वामपंथी हिंसा में कमी तेजी से आ रही है।
सबसे ज्यादा प्रभावित जिले छत्तीसगढ़ में
बैठक की समीक्षा में पता चला था कि वामपंथी चरमपंथ प्रभावित जिलों में सबसे ज्यादा (CRPF Sthapana Diwas 2024) संख्या 15 जिले छत्तीसगढ़ की है। इसके बाद ओडिशा 7, झारखंड 5, एमपी 3 और केरल, तेलंगाना व महाराष्ट्र 2-2, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश 1-1 जिले में इनकी सक्रियता है।
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सीआरपीएफ के प्रमुख कर्तव्य
भीड़ पर नियंत्रण
दंगा नियंत्रण
काउंटर अलगाववाद, उग्रवाद ऑपरेशन
वामपंथी उग्रवाद से निपटना
परेशान क्षेत्रों में चुनाव के संबंध में विशेष रूप से बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था का समग्र समन्वय।
युद्ध की स्थिति में दुश्मन से लड़ना।
सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र शांति पालन मिशन में भाग लेना नीति।
प्राकृतिक आपदाओं और आपदाओं के समय बचाव और राहत कार्य।