बुरहानपुर। जिले में भारी बारिश की वजह से कई गांवों के किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। जिससे किसानों में आक्रोश है। मंगलवार को किसानों ने प्रगतिशील किसान संगठन के बैनरतले कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में शाहपुर के खामनी, भावसा, चौंडी, दापोरा, चापोरा समेत दर्जनभर गांवों के किसान शामिल हुए। इस दौरान किसानों ने ‘बीमा नहीं तो वोट नहीं’ के नारे भी लगाए।
‘बीमा नहीं तो वोट नहीं’ के लगाए नारे
संगठन के जिलाध्यक्ष रघुनाथ पाटिल ने कहा कि बारिश से किसानों की खेतों में तैयार केला, मक्का और गन्ना फसल जमींदोज हो गई। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि केला फसल पर बीमा योजना लागू नहीं है, जिससे उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाता।
ऑयल मिल से निकल रहे केमिकल से फसल हुई बर्बाद
मुरैना। जिले के जारेरुआ गांव के ग्रामीण ऑयल मिल से निकल रहे केमिकल और बदबूदार पानी से परेशान हैं। इस पानी से करुआ गांव की कई बीघा खेत की फसल चौपट हो चुकी है जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है नाराज ग्रामीणों ने इसे लेकर फैक्ट्री के बाहर जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची नूराबाद थाना पुलिस
से ग्रामीणों ने कहा कि अगर समय रहते प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया तो हम इसके लिए बड़ा आंदोलन करेंगे। लंबे समय से ग्रामीण इस बात की मांग कर रहे हैं कि केमिकल युक्त पानी फैक्ट्री के संचालक कहीं और फिकवा दे ताकि उनकी खेती बर्बाद ना हो।
विधायक दिलीप मकवाना ने बर्बाद हुई फसलों देखा
रतलाम। जिले में तेज बारिश के चलते खारी गांव में नाले के पानी से बर्बाद हुई फसलों के हाल जानने के लिए विधायक दिलीप मकवाना मौके पर पहुंचे। और मौके का जायजा लिया। इसके साथ ही विधायक ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि राजस्व, कृषि विभाग और पंचायत सचिव की संयुक्त टीम गठित की जाए। जल्द से जल्द नुकसान का सर्वे कराया जाए।
बाढ़ में डूबे गावों के लोग सर्वे के इंतजार में
देपालपुर। मध्यप्रदेश में पटवारियों की हड़ताल से सर्वे का काम प्रभावित हो रहा है। देपालपुर में दो दर्जन से ज्यादा गांव चंबल नदी की बाढ़ में डूब गए। कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा। ग्रामीण सर्वे के बाद मुआवजे का आस लगाए बैठे थे। पटवारियों की हड़ताल की वजह से ये काम रुका हुआ था।
तहसीलदार ने लिया गांवों का जायजा
लेकिन मंगलवार को तहसीलदार शेखर चौधरी चंबल नदी के किनारे बसे पेमलपुर, छोटी कलमेर और आरोदाकोट गांव पहुंचे और प्रभावित लोगों के घरों में जाकर सर्वे किया। उन्होंने कहा कि अब पटवारी की जगह ग्राम पंचायत के सचिवों की मदद से तहसीलदार सर्वे का काम करेंगे, ताकि पीड़ित लोगों को जल्द राहत सामग्री और राशि मिल सके।
सिहाड़ा गांव में बिजली कटौती से परेशान ग्रामीण
खंडवा। जिले के सिहाड़ा गांव के लोग अघोषित बिजली कटौती से परेशान हैं।मंगलवार को ग्रामीण कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर जमा हुए और कटौती का विरोध किया। इस दौरान इन्होंने ‘लाइट नहीं तो वोट नहीं’ के नारे भी लगाए। जिसके बाद कलेक्टर के नाम संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
समस्या के निराकरण का मिला आश्वासन
ग्रामीणों ने कहा कि गांव में दूसरे ग्रिट से बिजली सप्लाई जोड़ने की वजह से बिजली गुल रहती है। इससे बच्चों की पढ़ाई के साथ दूसरे काम भी प्रभावित हो रहे हैं। इन्होंने गांव की बिजली सप्लाई पहले की तरह सिहाड़ा मथेला बिजली ग्रिट से जोड़ने की मांग की। इसके बाद ग्रामीणों ने खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह से भी मुलाकात की। कलेक्टर ने समस्या के जल्द निराकरण का आश्वासन दिया है।
डूब प्रभावितों से मिले कांग्रेस विधायक
खरगोन। जिले के खारक बांध के डूब प्रभावित आदिवासी खरगोन कलेक्ट्रेट के सामने धरना दे रहे हैं। कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया, सज्जन सिंह वर्मा, केदार डाबर और रवि जोशी उनके बीच पहुंचे और उनकी समस्याओं को सुना।
स्थानीय प्रशासन पर साधा निशाना
मीडिया से चर्चा के दौरान भूरिया ने स्थानीय प्रशासन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने डूब प्रभावितों को 13 करोड़ रुपए मंजूर किए थे, लेकिन अफसरों ने मुआवजा पूरा नहीं बांटा। उन्होंने कहा कि 2 महीने बाद कांग्रेस की सरकार बन रही है। जिसके बाद वो मुख्य सचिव से खारक बांध के डूब प्रभावितों का हिसाब लेंगे।
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