Cricket Rules: क्रिकेट के एक ओवर में 6 गेंदें ही क्यों होती हैं, जानिए इसके पीछे का रहस्य

Cricket Rules: क्रिकेट के एक ओवर में 6 गेंदें ही क्यों होती हैं, जानिए इसके पीछे का रहस्य

Cricket Rules

नई दिल्ली। भारत में क्रिकेट काफी लोकप्रिय है। इतना लोकप्रिय कि मैच के समय हम हर काम को छोड़कर टीवी से चिपक जाते हैं। खासकर देश में IPL शुरू होने के बाद मानों क्रिकेट के प्रशंसक एक दम से बढ़ गए। आज भारत के हरेक कोने में क्रिकेट खेला जाता है। लेकिन क्रिकेट में कई ऐसी चीजें हैं जिसे हम नहीं जानते हैं। अगर आपने गौर किया होगा तो क्रिकेट के कई फॉरमेट होते हैं। लेकिन सभी में एक ओवर में फेंके जाने वाली गंदों की संख्या 6 ही होती हैं। क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है या क्या हमेशा से ही ऐसा था।

पहले चार गेंदे ही फेंकी जाती थी

इस सवाल का जवाब है, नहीं। हमेशा से ऐसा नहीं था। 1889 तक क्रिकेट के एक ओवर में छह की जगह चार गेंदें ही फेंकी जाती थी। तब दर्शक मैच को देखकर बोर हो जाते थे। क्योंकि न तो बॉलर को अच्छी लय मिल पाती थी और न ही बैट्समैन को बॉलर को समझने का मौका मिलता था। ऐसे में बहुत बड़ा स्कोर नहीं बन पाता था। इसी को देखते हुए साल 1889 में क्रिकेट के नियमों में कुछ बदलाव किए गए। इस बार एक ओवर में गेंदों की संख्या को 4 से बढ़ाकर 5 पांच कर दी गई। लेकिन कुछ दिनों बाद लोगों ने महसूस किया कि इससे भी गेम में उतना मजा नहीं आ रहा है।

8 गेंद फेंकने का नियम बना

ऐसे में कई देशों ने अपने यहां एक ओवर में 8 गेंद फेंकने का नियम बना दिया। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में 8 गेंद के ओवर होने लगे। इंग्लैड ने भी दो सालों तक आठ बॉल का ओवर किया। लेकिन ये नियम भी ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका। क्योंकि बॉलर आठ गेंदें फेंकने में थक जाता था। ऐसे में वो बाकि का ओवर नहीं कर पाता था।

इंग्लैंड ने शुरू किया 6 गेंदों का चलन

इंग्लैंड ने सबसे पहले इस नियम को बंद किया और एक ओवर में 6 गेंदों का चलन शुरू हुआ। बाकि देश भी एक ओवर में 6 गेंद फेंकने लगे। इसके बाद ICC ने 1978-79 के आसपास एक ओवर में 6 गेंदे के नियम को स्थायी बना दिया। क्योंकि तब तक सभी देश एक ओवर में 6 गेंद फेंकने लगे थे।

6 गेंद बॉलर और बैट्समैन दोनों के लिए बेहतर था

माना जाता है कि 6 गेंदों का नियम बॉलर और बैट्समैन दोनों के लिए बेहतर था, क्योंकि बॉलर के लिए 6 बॉल फेंकना, 8 गेंदों की तुलना में आसान था। साथ ही, बॉलर 6 गेंदें फेंकने पर लय भी पकड़ लेता था। वहीं, बैट्समैन को भी बॉलर की रणनीति समझने में मदद मिलती थी। इस तरह से एक ओवर में 6 गेंदों पर एक बैलेंस बन गया था और आज इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले सभी देशों में इस नियम का पालन किया जाता है।

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