SC/ST Reservation Creamy Layer: अनुसूचित जाति और जनजातियों (SC/ST) के आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू नहीं किया जाएगा।
इसे लेकर जहां पीएम मोदी ने आदिवासी सांसदों को आश्वासन दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इसे लेकर एक बड़ी घोषणा कर दी।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संसद भवन में 100 दलित सांसदों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सभी को आश्वासन दिया। 9 अगस्त की देर शाम में कैबिनेट मीटिंग भी हुई।
इसमें केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि NDA सरकार बी आर अंबेडकर के बनाए गए संविधान से बंधी है और आरक्षण संविधान के मुताबिक ही होना चाहिए। संविधान में SC/ST आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को कहा था राज्य सरकारें अब SC के रिजर्वेशन में कोटे में कोटा दे सकेंगी। अनुसूचित जाति को उसमें शामिल जातियों के आधार पर बांटना संविधान के अनुच्छेद-341 के खिलाफ नहीं है।
इस दौरान जस्टिस बीआर गवई ने कहा था कि राज्यों को SC और ST के बीच भी क्रीमी लेयर की पहचान करने और उन्हें आरक्षण का लाभ देने से इनकार करने के लिए एक नीति विकसित करनी चाहिए।
क्या होता है क्रीमी लेयर?
क्रीमी लेयर का मतलब उस वर्ग के लोगों से है, जिन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है। ये वर्ग आर्थिक और सामाजिक रूप से आगे होता है।
वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की सीमा लागू है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति के संबंध में पदोन्नति में क्रीमी लेयर का सिद्धांत लागू किया गया है।
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