भोपाल. धूम्रपान करने वालों को गंभीर बीमारियों का खतरा और कोरोना वायरस (Covid19) की चपेट में आने पर मौत का खतरा काफी ज्यादा होता है। यह दावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने किया है। धूम्रपान करने वालों को कोरोना वायरस की चपेट में आने पर मौत का खतरा कितना होता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि कोरोना वायरस से मरने वालों में उन लोगों की संख्या ज्यादा है, जो धूम्रपान करते या किसी दूसरी तरह का नशा करते हैं. हालिया कई शोध में यह बात सामने आई है कि जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनको गंभीर बीमारियों का खतरा तो होता ही है, लेकिन कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद मौत का जोखिम भी बढ़ जाता है, धूम्रपान करने वालों पर कोरोना वायरस का ज्यादा असर होता है।
सिगरेट का धुआं रिसेप्टर प्रोटीन अधिक बनाने के लिए फेफड़े को फुला देता है, जिसका इस्तेमाल कोरोना वायरस मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए करता है. इसलिए धूम्रपान छोड़ने से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम हो सकता है।
सुझाव 1: सोशल डिस्टेंसिंग (एक-दूसरे से दूरी) का पालन करें और बार-बार हाथ धोएं
अगर आपको धुम्रपान से संबंधित फेफड़ों की बीमारी है तो न्यू कोरोना वायरस के संपर्क में आने से ज्यादा जटिलता हो सकती है। दूसरों से 3-6 फीट यानी 1-2 मीटर की दूरी बनाए रख कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। अपने हाथ बार-बार धोते रहें, तंबाकू उत्पादों के उपयोग के बाद भी।
सुझाव 2: ध्यान रहे, वैपिंग सुरक्षित विकल्प नहीं
क्योंकि वैपिंग से भी आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए यह धुम्रपान का सुरक्षित विकल्प नहीं है और साथ ही यह न्यू कोरोना वायरस से संबंधित जटिलताओं को बढ़ा सकता है। इसलिए वैपिंग भी मत कीजिए।
सुझाव 3: चबाने वाले तंबाकू उत्पाद भी सुरक्षित नहीं
चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का सेवन धुम्रपान का सुरक्षित विकल्प नहीं हैं। चूंकि न्यू कोरना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे तक मुंह, नाक और संभवतः आंखों से निकलने वाली बेहद छोटी बूंदों के माध्यम से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि चबाने वाले तंबाकू से भी बचा जाए। खास तौर पर इन्हें थूकते समय बहुत सावधानी की जरूरत है। इनका उपयोग छोड़ने का यह बेहतरीन वक्त है। यह आपके स्वास्थ्य के लिए तो अच्छा है ही, इससे आपके आस-पास स्वच्छता बढ़ती है और आपके परिजनों और मित्रों को भी मदद मिलती है।