ICMR Covid Vaccine Study: देश में कोविड संकट के बाद सडेन मौत यानी कि अचानक होने वाली मौतों की संख्या बढ़ने के दावे किए गए। इन दावों की रिपोर्ट्स भी सामने आई थीं। अब सरकार ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की स्टडी के हवाले से देश की संसद और अदालत में रिपोर्ट पेश की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि कोविड वैक्सीन से भारत में युवा वयस्कों में अचानक मौतों की संख्या नहीं बढ़ी है, बल्कि इसके उलट इसकी आशंका कम हुई है।
एक सवाल के लिखित जवाब (ICMR Covid Vaccine Study) में जेपी नड्डा ने कहा कि कोविड-19 की वजह से पूर्व में अस्पताल में भर्ती होना, आकस्मिक मृत्यु का पारिवारिक इतिहास और कुछ जीवनशैली संबंधी व्यवहारों के कारण अचानक मौत की आशंका बढ़ जाती है। जेपी नड्डा ने कहा कि ICMR ने पिछले साल मई-अगस्त के दौरान 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में एक अध्ययन किया गया। उन्होंने कहा कि इस विश्लेषण में सडेन मौत के कुल 729 मामलों और 2,916 कंट्रोल शामिल किए गए।
ICMR की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी ने 18-45 साल की उम्र के लोगों पर यह स्टडी (ICMR Covid Vaccine Study) की, जो स्वस्थ थे। लेकिन, 1 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक उनकी मौत हो गई। बता दें कि यह रिसर्च 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में की गई थी। इस दौरान 729 ऐसे मामले बतौर सैंपल लिए गए जिनकी अचानक मौत हो गई थी और 2916 सैंपल ऐसे थे जिन्हें हार्ट अटैक आने के बाद बचा लिया गया था।
ये हैं सडेन डेथ की वजह!
ICMR की स्टडी (ICMR Covid Vaccine Study) में कई ऐसे कारकों की पहचान की गई है जो अचानक मौत के जोखिम को बढ़ाते हैं। इसमें कोविड-19 अस्पताल में एडमिट रहने की हिस्ट्री, परिवार में पहले से ही अचानक डेथ की हिस्ट्री, मौत से 48 घंटे पहले शराब पीना, नशीली दवाओं का उपयोग और मौत से 48 घंटे पहले अधिक शारीरिक गतिविधि शामिल है।