भोपाल। मध्यप्रदेश में आज यानि 23 मार्च से 12 से 14 साल के COVID-19 vaccination for children aged 12-14 years In MP: बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होने जा रहा है। इसी के साथ अब इन बच्चों को कोरोनारोधी टीका लगाने की शुरुआत हो गई है। आपको बता दें आज से शुरू हुए इस अभियान में सुबह 9 बजे से टीका लगना शुरू होगा। हालांकि पूरे देश में 16 मार्च से ये 12 से 14 वर्ष के बच्चों को टीका लगना प्रारंभ हो चुका था लेकिन प्रदेश में कुछ कारणों के चलते आज से इसकी शुरुआत हुई है।
166 स्कूलों के अलावा 12 अस्पतालों में भी लगेगा टीका —
आपको बता दें शहर में 166 स्कूलों के अलावा 12 अस्पतालों को टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। मंगलवार, शुक्रवार और छुट्टी का दिन छोड़कर सभी दिनों में टीका लगाया जा सकेगा। गर्मी के चलते टीकाकरण के पहले बच्चों को ओआरएस का घोल पिला जाएगा। प्रदेश के 30 लाख बच्चों को टीका लगेगा। भोपाल में इस उम्र वर्ग के कुल 86 हजार बच्चे हैं। इसमें पहले दिन 30 हजार को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है। स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदारी दी गई है कि वह बच्चों को टीका लगवाने के लिए बुलाएं। हालांकि, बड़ी चुनौती यह है कि अभी स्कूल बंद हैं। ऐसे में बच्चों को बुलाना कठिन होगा।
नहीं होगी इसकी वैघता —
जिला टीकाकरण अधिकारी डा. कमलेश अहिरवार द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक अभिभावकों पास के किसी भी स्कूल या अस्पताल में जाकर बच्चों को टीका लगवा सकते हैं। जिस स्कूल में बच्चा पढ़ता है वहीं टीका लगवाने की वैघता नहीं है। बताया कि आनलाइन बुकिंग की सुविधा भी दी गई है। पहले दिन के लिए शहरी क्षेत्र में प्रति जन शिक्षा केंद्र एक हजार, बैरसिया में 300 और फंदा क्षेत्र में 500 आनलाइन स्लाट टीकाकरण के लिए खोले गए थे।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होगा जरूरी
इस बार के बच्चों के वैक्सीनेशन में सबसे अच्छी बात ये हैं कि 12 से 14 साल तक की उम्र वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी नहीं होगा। इसके लिए गर्वेंमेंट ने स्पष्ट कर दिया है कि आज बुधवार यानि 16 मार्च को सुबह 9 बजे से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर अपना टाइम स्लॉट बुक किया जा सकता है। इसके अलावा बच्चों के अभिभावक या पेरेंट्स वैक्सीनेशन सेंटर पर सीधे पहुंचकर भी बच्चों की उम्र संबंधी दस्तावेज दिखाकर वैक्सीनेशन करवा सकते हैं।
बच्चों का वैक्सीनेशन इसलिए हुआ जरूरी —
आपको बता दें भारत में तो कोरोना की दूसरी लहर अपना तांडव दिखाने के बाद तीसरी लहर भी आ चुकी है। हालांकि बीते कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में कमी जरूरी आई है लेकिन अब चीन और सिंगापुर में ये एक बार फिर पैर पसारता दिख रहा है। यहां तक कि एक शहर में लॉकडाउन भी लगा दिया गया है। जिसके बाद भारत सरकार किसी भी प्रकार का रिस्क न लेते हुए बच्चों के वैक्सीनेशन को भी बढ़ावा देना चाहती है। इसलिए 12 से 14 वर्ष के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू किया गया है। एक्सपर्ट की मानें तो अब इसी उम्र के बच्चों पर खतरा ज्यादा है। चूंकि 15 वर्ष के ज्यादा ऐज के लोग वैक्सीनेटेड हो चुके हैं। ऐसे में 12 से 14 वर्ष वालों को खतरा अधिक है। आपको
बच्चों को लगेगी कोर्बेवैक्स —
आपको बता दें अभी इसके पहले शुरू हुए 15 से 17 उम्र के ऐजग्रुप वालों को भारत बायोटेक की कोवैक्सिन लगाई गई थी। जबकि 18 वर्ष से ज्यादा वालों के पास कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-V का आप्शन था। चूंकि कोर्बेवैक्स को 21 फरवरी को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से इमरजेंसी के अप्रूवल दे दिया था। इसलिए अब 12 से 14 वर्ष वालों को कोर्बेवैक्स ही लगेगी।
एडवाइजरी भी जारी की —
आपको बता दें इस वैक्सीनेशन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा मंगलवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिव के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है। जिसके अनुसार राज्यों को वैक्सीनेशन के दौरान बरती जाने वाली एहतियात बरतने संबंधी निर्देश दिए गए हैं।
खबर एक नजर —
वैक्सीनेशन दो ग्रुपों 12 से 13 वर्ष और 13 से 14 वर्ष में होगा।
इस वैक्सीनेशन में वर्ष 2008, 2009 और 2010 में जन्म लिए बच्चों को शामिल किया जाएगा।
वैक्सीन लगने वाले दिन बच्चे की उम्र कम से कम 12 वर्ष होना अनिवार्य।
वैक्सीन लगाते समय उम्र के सत्यापन की जिम्मेदारी हेल्थ सेंटर के कर्मचारियों की होगी।
पहली वैक्सीन लगने के बाद दूसरी डोज 28 दिन बीतने पर ही दी जाएगी।
60 वर्ष से अधिक वालों के लिए जरूरी बातें —
60 साल से ज्यादा उम्र वाले सभी बुजुर्ग इसके दायरे में आएंगे।
वैक्सीनेशन सेंटर जाकर सीधे भी प्रिकॉशन डोज लगवा पाएंगे।
वैक्सीनेशन सेंटर पर एज सर्टिफिकेट दिखाकर ही वैक्सीनेशन होगा।
दूसरी डोज लगने के 36 सप्ताह (9 महीने) बाद ही तीसरी डोज ली जा सकेगी।
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