Chattisgarh Boda Vegetable: बारिश का मौसम आते ही बस्तर जिलें के लोगों के चेहरे पर अलग ही ख़ुशी आ जाती है. इसमें भी ख़ासतौर पर ख़ुशी का कारण एक सब्जी होती है. छत्तीसगढ़ अपनी ट्राइबल संस्कृति और खानपान के लिए काफी मशहूर हैं. लेकिन बारिश के समय बस्तर जिले में बोड़ा सब्जी काफी मशहूर है.
इस सब्जी को खाने के लिए जिले के लोग सालभर इंतजार करते हैं. इस सब्जी के आने से इसे खाने और बेचने वाले खुश हो जाते हैं. बोड़ा जमीन में उगने वाली एक जंगली खाद्य सब्जी है. यह सब्जी साल पेड़ के नीचे से निकलती है.
बारिश से होने वाली उमस में यह सब्जी जमीन के अंदर अकार ले लेती है. जो कि आलू से भी छोटा होता है.
दो किस्म के होते हैं बोड़ा
इस बोड़ा सब्जी के दो प्रकार होते हैं. इस सब्जी का रंग भूरा होता है. जिसमें ऊपर की परत पतली रहती है और अंदर का गुदा सफ़ेद रंग का होता है. बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में साल वृक्ष क्षेत्र ज्यादा है इसलिए यहां बोड़ा की अवाक ज्यादा होती है.
इस बोड़ा सब्जी की दो किस्म जात बोड़ा और राखड़ी बोड़ा होती हैं. जिसमें से भी लोग जात बोड़ा को खाना ज्यादा पसंद करते हैं.
कितनी है कीमत
मौसम की शुरुआत में ये सब्जी लगभग 1600 रू. किलो तक बिकती है. लकिन बाद में अवाक बढ़ने के साथ-साथ 200 से 300 रूपए किलो तक हो जाती है.
यह सब्जी आअज भी ग्रामीण महिलाएं सोली और पायली के आधार पर बेचती हैं. एक सोली लगभग 250 ग्राम की होती है. वहीं पायली के मान अलग होते हैं.
250 ग्राम बोड़ा शुरुआत में 300 रू की दर से और बाद में 50 की दर से मिलता है. यह बस्तर की सब्जी महंगी सब्जियों में से एक है. जिससे बोड़ा बेचने वालों को जबरदस्त फायदा हो जाता है.
बोड़ा में पाए जाते हैं ये औषधीय गुण
बोड़ा के अंदर प्रोटीन और विटामिन भरपूर रहता है. डाइटीशियन अक्सर वजन संतुलित रखने के लिए बोड़ा के इस्तेमाल की सलाह देते हैं. क्योंकि इसमें कैलोरी काफी कम होती है. बोडा में विटामिन डी, प्रोटीन फाइबर, सेलेनियम, पोटेशियम एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं.
बोडा मशरूम में औषधीय गुण होते हैं जो हृदय की समस्याओं और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती हैं. साथ ही यह अन्य बीमारियों को ठीक करने में भी मदद कर सकता है.