इंदौर। प्रदेश के इंदौर शहर ने देश में कई खास रिकॉर्ड बनाए हैं। अब एक बार फिर नए रिकॉर्ड के लिए तैयारी की जा रही है। अब इंदौर में केबल कार चलाने की भी मंजूरी मिल गई है। देश में पहली बार केबल कार चलाने की मंजूरी मिल गई है। अब इंदौर शहर के भीड़भाड़ वाले स्थानों केबल कार चलाई जाएगी। शहर के ट्रेफिक से बचने के लिए यह एक नया तरीका होगा। इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) ने इसके लिए अलग से मंजूरी दे दी है। इसके लिए पहले कंसलटेंट नियुक्त किया जाएगा और फिर सर्वे शुरू होगा।
बता दें कि देश में पहली बार केबल कारों को सड़कों पर उतारा जा रहा है। इसकी शुरुआत प्रदेश के इंदौर से की जा रही है। शहर के भीडभाड़ वाले इलाकों में ये कार चलाए जाने की अनुमति मिल गई है। इसको लेकर बजट भी पास किया जा चुका है। इंदौर विकास प्राधिकरण ने शहरी परिवहन ट्रांजिट सिस्टम केबल कार के लिए 75 लाख रुपये का बजट रखा है।
यह है केबल कार
केबल कारों को लेकर सोमवार को बजट पेश किया जा चुका है। इसके लिए 75 लाख रुपए निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में यह कार चलाने की योजना बनाई जा रही है। दरअसल बढ़ती आबादी के कारण ट्रेफिक में दिनों-दिन भीड़ बढ़ती जा रही है। ऐसे में सड़कों पर चलना एक कठिन समस्या बनती जा रही है। इसलिए शहरों में केबल कार चलाने का चलन बढ़ता जा रहा है।
2004 में लैटिन अमरीकी देश कोलंबिया का मेडेलिन शहर पूरी तरह से केबल कार और मेट्रो आधारित परिवहन वाला शहर बन गया था। शहर में मेट्रो सेवाएं पूरी तरह से केबल कारों से जुड़ गई थीं। तब से दुनिया के तमाम शहर शहरी ट्रांसपोर्ट के लिए केबल कारों को बढ़ावा दे रहे हैं। पहले यह केबल कारें मौज-मस्ती के उपयोग में आती थी। यह कारें हवा में केबल के जरिए चलती हैं।