दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के संभावित खतरे से निपटने के लिए कमर कस रही है और उसने ऑक्सीजन युक्त 30,000 बिस्तर तैयार किए हैं तथा प्राणवायु की आपूर्ति और भंडारण सुविधाओं को भी बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने कोविड महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए सरकारी विभागों के साथ बैठक की।
उन्होंने कहा, “इस बार, हमने ऑक्सीजन युक्त 30,000 बिस्तर तैयार किए हैं। इनमें से 10,000 आईसीयू बिस्तर हैं। 6,800 बिस्तर निर्माणाधीन हैं जो फरवरी तक तैयार हो जाएंगे।” मुख्यमंत्री ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘नगर निगम के प्रत्येक वार्ड में हम दो सप्ताह के नोटिस पर 100 ऑक्सीजन बिस्तर तैयार कर सकेंगे। 270 नगर निकाय वार्ड हैं, जिसका मतलब है कि हम कम समय में 27,000 बिस्तर तैयार कर सकेंगे।’’
केजरीवाल ने यह भी कहा कि सरकार 32 तरह की दवाओं का ऑर्डर दे रही है ताकि उनका दो महीने का ‘बफर स्टॉक’ तैयार किया जा सके और कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गृह-पृथक-वास से संबंधित तैयारी भी की जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी को अप्रैल और मई में महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट से जूझना पड़ा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 442 मीट्रिक टन चिकित्सीय ऑक्सीजन की अतिरिक्त भंडारण सुविधा तैयार की है, जो पिछली लहर के दौरान नहीं थी। उन्होंने कहा, “हमारे पास ऑक्सीजन उत्पादन की शून्य क्षमता थी। हमने पीएसए संयंत्र स्थापित किए हैं जो 121 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकते हैं। पिछली बार, अस्पताल ऑक्सीजन के लिए एसओएस संदेश भेज रहे थे। हमने दिल्ली के सभी ऑक्सीजन टैंक में टेलीमेट्री उपकरण लगाने का निर्देश दिया है, ताकि हमारे वॉर रूम को पता चल सके कि ऑक्सीजन कहां खत्म हो रही है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने चीन से 6,000 सिलेंडर आयात किए हैं और तीन निजी ‘रीफिलिंग’ संयंत्र हैं जो प्रति दिन 1500 सिलेंडर भर सकते हैं। उन्होंने कहा, “हमने दो बॉटलिंग संयंत्र लगाए हैं जो दैनिक आधार पर 1400 सिलेंडर भर सकते हैं।”