नई दिल्ली। कोविड-19 के मैनजमेंट और वैक्सिनेशन को लेकर ये प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति की राज्यपालों संग पहली आधिकारिक बैठक होगी। देश में अप्रैल के महीने में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इस बैठक में प्रधानमंत्री एक बार फिर इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में राज्यपालों की भूमिका पर बात कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 14 अप्रैल को शाम साढ़े बजे तक राज्यपालों के साथ बातचीत करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 8 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी। मुख्यमंत्रियों संग बैठक में प्रधानमंत्री ने कोविड उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए राज्यों में सर्वदलीय बैठक बुलाने का सुझाव दिया, जिसमें राज्यपाल, मशहूर हस्तियों एवं अन्य सम्मानित लोगों को शामिल करने का सुझाव दिया था। राज्यपालों के साथ चर्चा में पीएम मोदी देश भर में बिगड़ती स्थिति को लेकर बातचीत कर सकते हैं इसके साथ ही संक्रमण की चेन को तोड़ने के उपायों पर चर्चा हो सकती है।
शाम 6 बजे से होगी बैठक
पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा था कि भारत ने कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) की पहली लहर की चरम सीमा को पार कर लिया है, कुछ राज्यों में स्थिति बहुत गंभीर है। पीएम मोदी ने कहा था कि लोग पहले से अधिक बेपरवाह हो गए हैं, कुछ राज्यों में प्रशासन शिथिलता बरत रहा है. प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से संक्रमण की दर पांच फीसदी से नीचे लाने के लिए उपाय करने को भी कहा। पीएम मोदी ने कहा था कि किसी व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद 72 घंटे में उसके संपर्क में आए 30 लोगों का पता लगाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
मुख्यमंत्रियों संग बैठक में क्या बोले थे पीएम
8 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों संग बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि अच्छा होगा हम कोरोना कर्फ्यू रात 10 बजे से चालू करें और सुबह तक चले। ये लोगों को जागरुक करने के काम आ रहा है। ‘Test, Track, Treat’ पर हमें बल देना होगा। पीएम मोदी ने कहा था कि कंटेनमेंट जोन में सभी का कोरोना टेस्ट किया जाना चाहिए। इसका फायदा मिलेगा। अगर कोई वयक्ति कोरोना से संक्रमित होता है तो उसके संपर्क में आने वाले कम से कम 30 लोगों का टेस्ट किया जाना चाहिए। माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर फोकस की जरूरत है।