Coronavirus: जानें कब कराना चाहिए कोरोना टेस्ट? किस तरह के इलाज हैं उपलब्ध

नई दिल्ली: देशभर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप जारी है और हर दिन बड़ी संख्या में कोरोना केस सामने आ रहे हैं। इस साल 2021 का कोरोना संक्रमण साल 2020 वाले कोरोना संक्रमण और स्ट्रेन से ज्यादा खतरनाक और दर्दनाक है। क्योंकि कोरोना पल-पल अपना रूप बदल रहा है। वहीं अगर आपको कोरोना के कुछ लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको कोरोना टेस्ट कब कराना चाहिए और किस तरह के इलाज उपलब्ध हैं। आइए इसके बारे में बसकुछ जानते हैं-
दरअसल, कोरोना के लक्षण को समझना और पकड़ना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में जानना जरूरी है कि आपको कब टेस्ट कराने की जरूरत है और किस तरह के इलाज उपबल्ध हैं।
आरटी-पीसीआर टेस्ट
अगर आपको कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो पहले तो आपको आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाता है। इस टेस्ट में सीटी वैल्यू ये बताती है कि मरीज में वायरस लोड कितना है। वहीं जिन लोगों की सीटी वैल्यू 24 वैल्यू से कम होती है उन्हें कोरोना का ज्यादा खतरा होता है। इससे ऊपर वालों को कम। अधिक सीटी स्कोर आने वाले मरीजों को अधिक खतरा होता है। इस टेस्ट को नाक एवं गले के तालू से स्वैब लिया जाता है। जिसमें 4 से 5 घंटे मिनट का समय लगता है।
रैपिड एंटीजन टेस्ट
इस टेस्ट में नाक से स्वैब लिया जाता है। जिसमें करीब 15 से 20 मिनट लगते हैं।
कोविड-19 स्टेजवाइस कैसे करता है मानव शरीर को प्रभावित
स्टेज- 1 कोविड होने की पहली स्टेज में कोई भी लक्षण नहीं होते, चेस्ट स्कैन का सामान्य होना। कभी-कभी हल्का बुखार, सर्दी, गला बंद होना, उल्टी-दस्त होना।
स्टेज- 2 (A) बुखार लगातार बने रहना, सर्दी, सीने के सीटी स्कैन में घावों का नजर आना।
स्टेज- 2 (B) निमोनिया, खून में ऑक्सीजन की कमी।
स्टेज- 3 सांस लेने में परेशानी होना, ऑक्सीजन लेवल लगातार घटना, दिल का दौरा पड़ना, खून के थक्के जमना, किडनी का काम बंद कर देना या कम कर देना।
कब करना चाहिए टेस्ट?
बुख़ार, बदन दर्द, गंध और स्वाद न आने पर, सांस लेने में तकलीफ होने पर. नए लक्षण भी होने पर जैसे- आंखों लालिमा, गुलाबीपन, सुनने में कमी या लूज़ मोशन होने पर. अगर आप किसी संक्रमित के संपर्क में आए हैं, 6 फ़ीट की दूरी पर या 15 मिनट से ज़्यादा संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आये हों।