नई दिल्ली: कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और इस रोकने के लिए टीका ( Vaccine ) ही एकमात्र उपाय है। वहीं कई देश वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं और कुछ वैक्सीन्स तो फाइनल स्टेज यानी तीसरे चरण के ट्रायल पर पहुंच चुकी है। सबकी नजर इस समय ऑक्सफर्ड-अस्त्राजेनेका की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ पर है। इस वैक्सीन को पाने के लिए भारत सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। वहीं खबर है कि यह टीका भारतीयों को 2020 के आखिर तक मिल जाएगा।
भारत सरकार देश में डेवलप किए जा रहे कोरोना वैक्सीन पर नजर बनाए हुए है। सरकार का अनुमान है कि ऑक्सफर्ड वैक्सीन के कुछ दिन और ट्रायल के बाद उसे मार्केट में लाया जा सकता है। बता दें कि भारत में जिन तीन वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है उनमें सबसे आगे ऑक्सफर्ड का टीका है। पुणे की कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इस वैक्सीन के प्रॉडक्शन में अस्त्राजेनेका की पार्टनर है।
कोविशील्ड का ट्रायल जारी
Serum institute of india ऑक्सफर्ड वैक्सीन के फेज 2 और 3 का ट्रायल शुरु हो चुका है। फिलहाल देश के करीब 1600 लोगों पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि ‘अगर टीके को मंजूरी मिलती है और चूंकि यह भारत में ही बन रहा है तो इसका इस्तेमाल ही तर्कसंगत होगा।’
पहले और दूसरे ट्रायल मे है देसी वैक्सीन
भारत में तैयार की गई कोरोना वैक्सीन Covaxin और Zycov-D का फिलहाल पहले और दूसरे ट्रायल में है। इन दोनों वैक्सीन का एक हाजर से लेकर 1100 लोगों पर ट्रायल चल रहा है।
UK में ऑक्सफर्ड वैक्सीन का ट्रायल हो चुका
ऑक्सफर्ड वैक्सीन का फेज 1 और 2 ट्रायल UK में पूरा हो चुका है। वैक्सीन के शुरुआती नतीजे पॉजिटिव रहे हैं। वैक्सीन की डोज देने के 28 दिन के भीतर ऐंटीबॉडी रेस्पांस डेवलप होता है। दूसरी ‘बूस्टर’ डोज देने पर ऐंटीबॉडी रेस्पांस और ज्यादा हो जाता है।